मॉरीशस स्थित आईआईएचएल आर-कैप के समाधान के लिए 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाकर सफल दावेदार के रूप में उभरी। बाद में कंपनी ने आर-कैप के दिवाला समाधान प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो बोली की राशि से अधिक था।
शेयर ब्रोकर नियमों, एनएसईआईएल कैपिटल मार्केट रेगुलेशन्स और एनएसई फ्यूचर एंड ऑप्शन कारोबार मानदंडों के प्रावधानों के संबंध में आरएसएल द्वारा अपेक्षित तरीके से इनके रखरखाव को परखने के लिए ये जांच कराई गई थी। ये जांच अप्रैल, 2022 से दिसंबर, 2023 की अवधि के लिए की गई थी।
एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने 27 फरवरी, 2024 को कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के लिए आईआईएचएल की 9,861 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी।
शर्तों में 31 जुलाई तक सीओसी द्वारा निर्दिष्ट घरेलू एस्क्रो खाते में 250 करोड़ रुपये की प्रारंभिक इक्विटी राशि जमा करना और ऋणदाताओं द्वारा निर्दिष्ट अपतटीय एस्क्रो खाते में 2,500 करोड़ रुपये जमा करना शामिल था।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) मुंबई ने 27 फरवरी को समाधान योजना को मंजूरी देते हुए आईआईएचएल को 90 दिनों के भीतर यानी 27 मई तक समाधान योजना को लागू करने का निर्देश दिया था।
NFRA ने 12 अप्रैल के आदेश में कहा कि संदिग्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने और अन्य संयुक्त लेखा परीक्षक (पीडब्ल्यू) द्वारा इस्तीफे के बावजूद लेखा परीक्षकों ने ऑडिटिंग के मानकों (एसए) के तहत पर्याप्त प्रक्रियाएं पूरी नहीं की।
इरडा ने उस लोन के बारे में आपत्ति व्यक्त की है, जिसे आईआईएचएल ने रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए जुटाने की योजना बनाई है।
Reliance Capital: रिलायंस कैपिटल भारतीय शेयर बाजार से डिलिस्ट होने जा रही है। इस कंपनी को दिवाला प्रक्रिया में हिंदुजा ग्रुप की ओर से खरीदा जाएगा।
एनसीएलटी ने आरकैप का औसत उचित मूल्य 16,696 करोड़ रुपये और औसत परिसमापन मूल्य 13,158.46 करोड़ रुपये आंका है। सुरक्षित कर्जदाताओं को 481.88 करोड़ रुपये का पूरा भुगतान मिलेगा।
पहले दौर की नीलामी में आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी लेकिन बाद में उसे संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये कर दिया था। कर्जदाताओं ने उम्मीद के अनुरूप बोली नहीं मिलने पर दूसरे दौर की नीलामी करने का फैसला किया था जिसे राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने उचित ठहराया।
भारी कर्ज के तले दबी रिलायंस कैपिटल का जल्द नया मालिक मिल सकता है। कंपनी के 99 प्रतिशत कर्जदाता चाहते हैं कि दूसरे दौर की नीलामी में सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी को रिलायंस कैपिटल की कमान मिले।
तिमाही के दौरान रिलायंस कैपिटल का कुल खर्च भी 8,982 करोड़ रुपये से घटकर 5,949 करोड़ रुपये रह गया।
उच्चतम न्यायालय से दोबारा नीलामी करने की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को दूसरे दौर की नीलामी हुई थी।
सूत्रों ने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि अन्य दो दावेदारों- टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स और ओकट्री ने दूसरे दौर की नीलामी में हिस्सा नहीं लिया।
जिन बोलीदाताओं ने नीलामी के दूसरे दौर में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है, उनमें हिंदुजा समूह की इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड और सिंगापुर स्थित ओकट्री शामिल हैं।
Reliance Capital Latest Updates: रिलायंस कैपिटल की हालत इस समय आर्थिक रूप से बहुत खराब है। कर्ज में डूब चुकी इस कंपनी के लिए एक और बुरी खबर आई है। इसकी दूसरी नीलामी की डेट को भी रद्द कर दिया गया है। आइए पूरा मामला जानते हैं।
Reliance Capital News: हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी जिसे बाद में उसने संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा। अब कहानी में मोड़ आ गया है।
एनसीएलएटी के आदेश के बाद आरकैप के कर्जदाताओं ने 20 मार्च को ई-नीलामी का दूसरा दौर आयोजित करने का फैसला किया था।
रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के समाधान के मामले में ऋणदाताओं की नीलामी की एक और दौर की याचिका को स्वीकार कर लिया है।
एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) की मुंबई पीठ ने दो फरवरी को कहा था कि वित्तीय बोलियों के लिए चुनौती व्यवस्था 21 दिसंबर, 2022 को खत्म हो गई है, जिसमें 8,640 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स की थी।
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