इस प्रोजेक्ट को नोएडा अथॉरिटी द्वारा पूरा किया जाएगा, जिसके लिए गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर जिले के आसपास स्थित गांवों में बड़े लेवल पर जमीन खरीदी जाएगी।
रियल एस्टेट कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक और उद्योग निकाय नारेडको की ज्वाइंट रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग के आपूर्ति पक्ष के बीच बाजार के भरोसे में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है।
रियल्टी सेक्टर ने कहा कि यह कदम इस क्षेत्र में निवेश की इच्छुक कंपनियों और संभावित खरीदारों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। स्थिर ब्याज दरें अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद हैं और सकारात्मक उपभोक्ता भावनाओं के अनुकूल हैं।
निफ्टी नेक्स्ट 50 ने 2.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ टॉप परफॉर्मर के रूप में अपना सिलसिला जारी रखा है। सूचकांक में पिछले 3 महीने, 6 महीने और 1 वर्ष के दौरान क्रमशः 13.65 प्रतिशत, 34.61 प्रतिशत और 60.39 प्रतिशत की लगातार बढ़ोतरी देखी गई है।
आपको बता दें कि मजबूत बिक्री और आरबीआई की दरों में बढ़ोतरी पर रोक के बाद रियल्टी इंडेक्स मार्च 2019 के निचले स्तर से 95 फीसदी ऊपर है। यानी अगर आप 2019 में 1 लाख रुपये निवेश किए होते तो वह आज 1.95 लाख रुपये हो गया होता। अगर 10 लाख होते तो वह करीब 20 लाख रुपये हो गया होता।
शोध से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जनवरी, 2022 से मई, 2022 के बीच इन सात शहरों में 36,830 घरों का निर्माण पूरा किया गया।
आरबीआई ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत दर (रेपो) को 0. 40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया है।
वर्ष अप्रैल-जून तिमाही दौरान रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) 57 के मुकाबले घटकर 35 हो गया। वहीं फ्यूचर सेंटीमेंट में मामली कमी आई है लेकिन सूचकांक सकारात्मक ही बना हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी-जून के दौरान औद्योगिक और भंडारण या गोदाम क्षेत्र में 77.5 करोड़ डॉलर या 5,657 करोड़ रुपये का निवेश आया। यह 2016 के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
सब-मार्केट की बात करें तो नोएडा का बाजार सबसे हॉट रहेगा। यहां वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर और वाजिब कीमत पर घर की उपलब्ध्ता सबसे बड़ी वजह होगी।
एलारा टेक्नोलॉजीज के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में और 0.25 प्रतिशत की कटौती ने रीयल एस्टेट सेक्टर को ऐसे समय में खुशी प्रदान की है, जब हम उम्मीद कर रहे हैं कि त्यौहारी सीजन में मकानों की बिक्री में इजाफा होगा।
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2013 या इससे भी पहले लॉन्च हुए इन प्रोजेक्ट्स पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा है।
वित्त मंत्री को भेजे सुझाव में कहा है कि आप जानते हैं कि पांच लाख से अधिक घर खरीदारों की जीवन भर कमाई विभिन्न रीयल एस्टेट परियोजनाओं में फंसी हुई है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 356.16 प्वाइंट की भारी गिरावट के साथ 37165.16 पर बंद हुआ है
देश के नौ प्रमुख शहरों में कुल आवासीय बिक्री वर्ष 2018 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) में 33 प्रतिशत बढ़कर 80,000 इकाई पर पहुंच गई, जबकि पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही में 59,936 मकान ही बिके थे।
पिछली कुछ तिमाहियों में दबाव की स्थिति में रहने के बावजूद रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र अगले पांच साल में डेढ़ करोड़ नौकरियों प्रदान करेगा।
नोटबंदी की वजह से मकानों की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई और उनके दाम नीचे आए लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर को इसका काफी फायदा भी हुआ है।
रियल्टी सेक्टर में वर्ष 2025 तक 80 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी और इस सेक्टर में कुल श्रमबल की संख्या 1.7 करोड़ पर पहुंच जाएगी।
GST के तहत निर्माणधीन परियोजनाओं पर प्रभावी कर की दर 12 प्रतिशत तक होगी। इसमें 6.5 प्रतिशत वृद्धि होगी।
प्रमुख रीयल्टी कंपनी डीएलएफ (DLF) का शुद्ध रिण-जनवरी मार्च की तिमाही में लगभग 700 करोड़ रुपए बढ़कर 25096 करोड़ रुपए हो गया।
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