जिस घर में आप रहते हैं, उसे निवेश नहीं माना जाना चाहिए। जिसमें आप नहीं रहते हैं, उसे निवेश मान सकते हैं। इस निवेश में स्थान का बहुत महत्व है। इससे दो तरह के रिटर्न मिलते हैं।
जिन लोगों ने अपना जॉब अभी शुरू किया है, उनके लिये घर खरीदना बड़ी चुनौती होती है। ऐसा इसलिए कि उनके पास सेविंग नहीं होती है।
चेन्नई में घरों की बिक्री 6,951 इकाइयों से तीन प्रतिशत बढ़कर 7,150 इकाई हो गई। दिलचस्प बात यह है कि चेन्नई में कार्यालय स्थल की मांग दोगुना होकर 45 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई।
मुंबई में अप्रैल-जून में कार्यालय स्थल को पट्टे पर लेने का सकल आंकड़ा सालाना आधार पर नौ प्रतिशत गिरकर 27.3 लाख वर्गफुट रह गया।
रिपोर्ट के अनुसार, देश के टॉप 7 शहरों में कुल बिक्री में एमएमआर (मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन) और पुणे की हिस्सेदारी 51% से अधिक रही, जिसमें पुणे में सबसे अधिक 65% वार्षिक उछाल देखा गया।
Real Estate News: अब लोग बड़े साइज वाले फ्लैट खरीदना पसंद कर रहें हैं। यह बदलाव कोरोना महामारी के बाद आया है। इस नई रिपोर्ट ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
रियल एस्टेट कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि कोविड-19 महामारी ने लोगों के काम करने, सीखने और जीने के तरीके को बदल दिया है, जिससे आवास की मांग में बदलाव आया है।
ईडी के मुताबिक, उसे जांच में पता चला कि सैकड़ों करोड़ रुपये की राशि M3M ग्रुप के जरिये भी भेजे गए।
रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘रेपो दर को यथावत रखने के फैसले से घरों की बिक्री की रफ्तार बनी रहेगी। अबतक 2023 में आवास क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।’’
आंकड़ों के अनसार, सर्वे में शामिल 50 शहरों में से सात शहरों में घरों के दाम नीचे आए हैं। आवास ऋण पर ब्याज दर कोविड-पूर्व के समय से भी कम बनी हुई हैं, जिससे इस क्षेत्र में वृद्धि बनी हुई है।
ईडी ने आरोप लगाया है कि एम3एम समूह के प्रवर्तकों- बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल, पंकज बंसल एवं अन्य प्रमुख लोग तलाशी अभियान के दौरान जांच-पड़ताल से जानबूझकर बचते रहे।
इस प्रोजेक्ट को चार चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें से पहले चरण में 393 प्लॉट्स शामिल होंगे, जिनकी डिलीवरी 2 साल के भीतर होने की उम्मीद है।
आम चुनाव से पहले देशभर के लाखों होम बायर्स को मोदी सरकार की ओर से बड़ी राहत मिल सकती है। सरकार दिवालिया बिल्डर के प्रोजेक्ट में फ्लैट की रजिस्ट्री कराने की स्वीकृति दे सकती है। सरकारी सूत्रों से यह अहम जानकारी मिली है। सरकार इससे जुड़े प्रपोजल पर विचार कर रही है।
कोरोना महामारी के बाद घर के दाम में 15% से 20 फीसदी तक की तेजी आ गई है। दिल्ली-एनसीआर के कई सेक्टर में इससे ज्यादा भी तेजी दर्ज की गई है। कीमत में तेजी निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामान की कीमत में बड़ी बढ़ोतरी से हुई है।
आरईआईटी विश्व में एक लोकप्रिय निवेश माध्यम है। भारत में कुछ साल पहले इसे रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए पेश किया गया था। यह बड़ी रियल एस्टेट संपत्तियों में खुदरा निवेशकों की भागीदारी को सक्षम बनाता है।
कोरोना के बाद, वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने बड़े घरों की मांग बढ़ाई है। प्रॉप इक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, शीर्ष शहरों में 3 बीएचके यूनिट की मांग में 30% से 35% की उछाल आया है।
जानकारों का कहना है कि नोटबंदी के दौरान भी बड़ी मात्रा में ब्लैक मनी रियल एस्टेट में खपा था। इस बार भी इसकी उम्मीद काफी है क्योंकि बड़े रकम को जगह लगाना रियल एस्टेट में ही संभव है।
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष घरों का निर्माण सबसे ज्यादा दिल्ली-एनसीआर में होगा, जिसके बाद मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) है। दिल्ली-एनसीआर में इस वर्ष 1,70,100 घरों का निर्माण पूरा होने की संभावना है।
प्रशासन कई अन्य बिल्डरों की संपत्तियों को भी नीलामी कराने की तैयारी कर रहा है। उप-जिलाधिकारी दादरी आलोक गुप्ता ने बताया कि पिछले माह जिला प्रशासन ने 101 बिल्डरो से यूपी रेरा की आरसी का 503 करोड़ रुपये वसूलने का अभियान शुरू किया था।
अगर आप जिंदगी की शुरुआत से सही तरह से प्लानिंग करते हैं तो आसानी से आप न सिर्फ अमीर बन सकते हैं, बल्कि पूरी जिंदगी टेंशन मुक्त भी रह सकते हैं।
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