हाउसिंग सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने और 2022 तक ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ (सभी के लिए घर) सुनिश्चित करने के लिए सरकार कुछ प्रोजेक्ट्स को टैक्स लाभ दे सकती है।
पिछले 10 सालों में रियल एस्टेट क्षेत्र में आकर्षित किए गए कुल 14 लाख करोड़ रुपए के निवेश में यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र का योगदान 50 फीसदी से ज्यादा है।
यदि आप अपने होमलोन के पूर्व-भुगतान की सही रणनीति बनाते हैं, तो यह आपके लिए कई मायनों में फायदेमंद हो सकता है।
पिफक्की-फ्रेंक नाइट की रिपोर्ट में कहा गया है कि होम लोन सस्ता होने पर भी रिहायशी रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी का यह दौर अगले छह महीने और रहेगा।
डेवलपर्स द्वारा प्रॉपर्टी पर विभिन्न आकर्षक ऑफर और डिस्काउंट के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में लोग घर खरीदने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
ऑनलाइन पोर्टल हाउसिंग डॉट कॉम ने कॉस्ट कटिंग के चलते अपने 200 इंप्लॉइज को इसी महीने नौकरी से हटाने का फैसला किया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर को बाजार अर्थव्यवस्था पर निर्भर रहना चाहिए और सब्सिडी अस्तित्व का मूल आधार नहीं होना चाहिए।
दुबई सरकार के आंकड़ों के मुताबिक फॉरेन प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट चार्ट में भारतीय टॉप पर हैं। पिछले कई सालों से भारतीय इस चार्ट में टॉप पर बने हुए हैं।
3540 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में से करीब 75 फीसदी 2014-15 तक शुरू नहीं हो पाए हैं। इन प्रोजेक्ट्स में निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपए की राशि फंसी हुई है।
जेएलएल इंडिया के मुताबिक चालू त्योहारी सीजन के दौरान घरों की बिक्री 15 से 20% बढ़ सकती है, जो कि पिछले साल से 10% कम है और Real Estate के लिए निराशाजनक है।
लेटेस्ट न्यूज़