आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में 1.25 फीसदी की कटौती और एफडीआई नियमों में ढील के साथ-साथ सभी के लिए घर और स्मार्ट सिटी योजना से रीयल्टी को बड़ी उम्मीद है।
यहां ऐसे बहुत से कदम हैं, जिन्हें उठाकर रियल एस्टेट डेवलपर्स ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर दोबारा डिमांड पैदा कर सकते हैं।
सरकार शीतकालीन सत्र के आखिरी सप्ताह में जीएसटी और रियल एस्टेट से जुड़े महत्वपूर्ण बिलों को पारित कराने के लिए नए सिरे से प्रयास करेगी।
सेंट्रल कैबिनेट ने राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों के अनुसार रियल एस्टेट विधेयक, 2015 को मंजूरी दे दी है। इसे अब संसद में पेश किया जाएगा।
घर खरीदने से पहले सभी लोगों को अपने बिल्डर्स से कुछ सवाल पूछना ही चाहिए। जिससे न सिर्फ अापका सपना बिना मुश्किल के पूरा होगा, वहीं आप धोखाधड़ी से भी बचेंगे।
नोएडा एक्सटेंशन में सरकारी कर्मचारियों के लिए बनने वाले 10 हजार सस्ते मकान की कीमत 22 से 30 लाख रुपए के बीच होगी।
क्विकर इंडिया ने रियल एस्टेट एनालिटिक्स फर्म ब्लिटजक्रेज टेक्नोलॉजी का अधिग्रहण कर लिया है। ब्लिटजक्रेज, रियल्टीकम्पास के नाम से कंपनी चलाती है।
क्लासीफाइड पोर्टल क्विकर ने प्रॉपर्टी पोर्टल कॉमनफ्लोर डॉट कॉम को खरीदने की योजना बनाई है। जानकारों के मुताबिक यह पूरा सौदा 20 करोड़ डॉलर में हो सकता है।
हाउसिंग सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने और 2022 तक ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ (सभी के लिए घर) सुनिश्चित करने के लिए सरकार कुछ प्रोजेक्ट्स को टैक्स लाभ दे सकती है।
पिछले 10 सालों में रियल एस्टेट क्षेत्र में आकर्षित किए गए कुल 14 लाख करोड़ रुपए के निवेश में यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र का योगदान 50 फीसदी से ज्यादा है।
यदि आप अपने होमलोन के पूर्व-भुगतान की सही रणनीति बनाते हैं, तो यह आपके लिए कई मायनों में फायदेमंद हो सकता है।
पिफक्की-फ्रेंक नाइट की रिपोर्ट में कहा गया है कि होम लोन सस्ता होने पर भी रिहायशी रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी का यह दौर अगले छह महीने और रहेगा।
डेवलपर्स द्वारा प्रॉपर्टी पर विभिन्न आकर्षक ऑफर और डिस्काउंट के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में लोग घर खरीदने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
ऑनलाइन पोर्टल हाउसिंग डॉट कॉम ने कॉस्ट कटिंग के चलते अपने 200 इंप्लॉइज को इसी महीने नौकरी से हटाने का फैसला किया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर को बाजार अर्थव्यवस्था पर निर्भर रहना चाहिए और सब्सिडी अस्तित्व का मूल आधार नहीं होना चाहिए।
दुबई सरकार के आंकड़ों के मुताबिक फॉरेन प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट चार्ट में भारतीय टॉप पर हैं। पिछले कई सालों से भारतीय इस चार्ट में टॉप पर बने हुए हैं।
3540 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में से करीब 75 फीसदी 2014-15 तक शुरू नहीं हो पाए हैं। इन प्रोजेक्ट्स में निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपए की राशि फंसी हुई है।
जेएलएल इंडिया के मुताबिक चालू त्योहारी सीजन के दौरान घरों की बिक्री 15 से 20% बढ़ सकती है, जो कि पिछले साल से 10% कम है और Real Estate के लिए निराशाजनक है।
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