एसबीआई ने शेयर बाजार से कहा कि रिजर्व बैंक ने एक कर्जदार को दिए गए पैसे के इस्तेमाल की निगरानी नहीं करने को लेकर यह जुर्माना लगाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की। इसकी मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
रेपो रेट में कटौती के बाद अब गेंद बैंकों के पाले में चली गई है, इस फैसले से बैंकों के पास लिक्विडिटी बढ़ेगी और बैंक इसका लाभ ब्याज दरों में कटौती करके ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की मौद्रिक समीक्षा बैठक मंगलवार को शुरू हुई है।
कुल खर्च और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।
एनएसई निफ्टी 22.10 अंक यानी 0.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 10,934.35 अंक पर बंद हुआ।
रिजर्व बैंक की नीतिगत दर (रेपो) अभी 6.50 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक ने 1 अगस्त 2018 को रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ा कर 6.50 प्रतिशत की थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक की। इस बैठक में गवर्नर ने बैंकों को बताया कि केंद्रीय बैंक की बैंकिंग क्षेत्र से क्या उम्मीदें हैं।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ सोमवार को बैठक करेंगे।
मार्च 2018 की तुलना में नवंबर 2018 में देशभर में कुल एटीएम की संख्या में कमी आई है।
इससे पहले 13 अप्रैल 2018 को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 426.028 अरब डॉलर के शिखर पर पहुंच गया था।
आरबीआई ने अभी मौद्रिक नीति के बारे में नाप-तोल कर सख्ती करने का रुख अपना रखा है।
विदेशी मुद्रा भंडार में हाल के सप्ताह में यह बड़ी वृद्धि हुई है। इससे पिछले सप्ताह विदेशीमुद्रा भंडार 11.64 करोड़ डॉलर बढ़कर 393.404 अरब डॉलर पर पहुंचा था।
इस कदम से रिजर्व बैंक की मुद्रा विनिमय दर के उतार-चढ़ाव के प्रबंधन की क्षमता बढ़ेगी।
इस कदम से बैंकों की कर्ज देने की क्षमता में 3.50 लाख करोड़ रुपए तक वृद्धि होगी
यह उच्चस्तरीय समिति दुनियाभर में केंद्रीय बैंकों द्वारा अपनाए जाने वाले व्यवहारों की समीक्षा कर अपना आकलन पेश करेगी
इस समिति में पांच सदस्य होंगे। यह समिति देश में डिजिटलीकरण के माध्यम से वित्तीय समावेशन और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गठित की गई है।
कुल मिलाकर 2017-18 के लिए रिजर्व बैंक ने सरकार को 50,000 करोड़ रुपए का लाभांश दिया था।
मंगलवार को मुंबई में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ उनकी स्थिति पर बातचीत की जाएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि कर्ज देने के लिए बैंकों की नकद धन की आवश्यकताओं को फिलहाल पूरा किया जा चुका है और यदि अर्थव्यवस्था में तरलता की दिक्कत हुई तो केंद्रीय बैंक आवश्यक और कदम उठाएगा।
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