लॉकडाउन के दौरान करेंसी मार्केट का समय सुबह दस बजे से 2 बजे तक कर दिया गया है
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संकट ने देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ाया है। इसके प्रसार को सीमित करने के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘इस परिदृश्य में यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वित्त, जो अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है, अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निर्बाध रूप से बहता रहे।’’
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले वित्त वर्ष 1961-62 में बैंकों की वितरित ऋण की वृद्धि दर 5.38 प्रतिशत रही थी।
समय में बदलाव 7 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक लागू रहेगा
पर्सनल लोन औऱ क्रेडिट कार्ड के भुगतान टालने पर हो सकता है ज्यादा नुकसान
आरबीआई ने बुधवार को बताया कि उसने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए आय-व्यय के नकदी प्रवाह में अंतर की सीमा को मौजूदा स्तर से 30 प्रतिशत और बढ़ा दिया है।
कुछ बैंकों ने अपने ग्राहकों को विकल्प भी दिया है कि वो चाहें तो EMI जारी रख सकते हैं
वित्त मंत्रालय और आरबीआई मंगलवार (31 मार्च) को बैठक कर 2020-21 की पहली छमाही के लिए सरकार की उधार योजना पर फैसला करेंगे।
बैंक ऑफ इंडिया ने बाह्य मानक आधारित ब्याज दर को 0.75 प्रतिशत घटाकर 7.25 प्रतिशत करने की रविवार को घोषणा की। नयी दर एक अप्रैल से प्रभावी होगी।
कोरोना वायरस की वजह से 14 अप्रैल तक पूरे देश में लागू लॉकडाउन के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में 10 बड़े सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी।
ब्याज दर में कटौती के बाद होम लोन के हर एक लाख पर EMI 52 रुपये तक कम होगी
पिछले 6 महीने के दौरान पहली बार भंडार में गिरावट देखने को मिली
ईएमआई में छूट के लिए नहीं करना होगा आवेदन, आदेश खुद से होगा लागू
RBI गवर्नर ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में भी वो आशावान हैं।
कारोबार के दौरान सेंसेक्स अपने ऊपरी स्तर से करीब 1800 अंक तक लुढ़का था
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को जमाकर्ताओं की चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि देश की बैंक प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित है।
आप भी जानिए आखिर रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर क्या होता है और इसका हम पर क्या असर पड़ता है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कई बड़ी घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं से देश के हर वर्ग और उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी।
रिजर्व बैंक के रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती के बाद भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। सेंसेक्स दिन के ऊपरी स्तर से 1600 से ज्यादा अंक लुढ़क गया वहीं निफ्टी में दिन के ऊपरी स्तर से 450 से ज्यादा अंक लुढ़क गया।
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