क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में वृद्धि आरबीआई की कार्रवाई से पहले के 30 प्रतिशत से घटकर अब 23 प्रतिशत हो गई है, जबकि एनबीएफसी को बैंक ऋण देने की वृद्धि पहले के 29 प्रतिशत से घटकर अब 18 प्रतिशत हो गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय असमर्थता और दूसरी नियामकीय लापरवाही के चलते बैंक का लाइसेंस कैंसिल किया है। बैंक का आज से ऑपरेशन बंद करने का आदेश जारी किया गया है। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं।
वित्त वर्ष के पहले नौ माह में कैड सकल घरेलू उत्पाद के 1.2 प्रतिशत पर रहेगा, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 2.6 प्रतिशत के स्तर पर था।
हर जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से सिर्फ पांच लाख रुपये तक की अपनी जमा राशि पाने का हकदार होगा। आरबीआई ने कहा कि अगर बैंक को आगे भी बैंकिंग कारोबार जारी रखने की अनुमति दी गई तो इससे जनहित पर विपरीत असर पड़ेगा।
आरबीआई का लक्ष्य खुदरा महंगाई दर को लगातार 4% (- + 2%) के स्तर पर रखना है। अप्रैल 2024 का खुदरा महंगाई का डेटा बताता है कि आरबीआई ने महंगाई पर कंट्रोल पा लिया है।
हाल के सत्रों में रेपो दर ने लगातार रियल एस्टेट बाजार में वृद्धि के लिए एक स्थिर आधार प्रदान किया है। आरबीआई द्वारा दर में स्थिरता या आगे की ढील एक महत्वपूर्ण बढ़ावा होगी, जिससे खरीदार का विश्वास बढ़ेगा।
आरबीआई ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के तहत वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात और आयात के लिए दिशानिर्देशों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव भी किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने आज अपने बयान में कहा कि एक नई उपलब्धि हासिल हुई है, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 मई को 651.5 अरब अमेरिकी डॉलर के ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है।
आरबीआई एमपीसी की यह मीटिंग 5 से 7 जून तक चली है। यह घटनाक्रम भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 में अकेले पूर्ण बहुमत से चूकने के बाद पहली बार हो रहा है। भाजपा को अब बाकी सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर एनडीए गठबंधन सरकार बनानी पड़ रही है।
लोकसभा नतीजों के बाद यह एमपीसी की पहली मीटिंग (5-7 जून) हुई है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि आरबीआई एमपीसी अपनी प्रमुख रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखेगा। MPC का व्यापक ध्यान मुद्रास्फीति के स्तर को कम करने पर रहेगा।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी और शुक्रवार को समाप्त होगी। इसमें देश की आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति, मानसून की स्थिति, वैश्विक कारकों आदि के आधार पर नीतिगत दरों पर फैसले लिए जाएंगे।
अक्टूबर से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है।
उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने भी उम्मीद जताई कि आगामी एमपीसी बैठक में रेपो दर को अपरिवर्तित रखने की उम्मीद है। मुद्रास्फीति पर चिंता बनी हुई है और गर्मी ने विशेष रूप से सब्जियों की कीमतों को प्रभावित किया है।
रिजर्व बैंक उन केंद्रीय बैंकों में से है, जिन्होंने हाल के वर्षों में सोना खरीदा है, जिसने पिछले वित्तीय वर्ष में 27.5 टन जोड़ा है।
भारतीय रिजर्व बैंक का यह कदम घरेलू मुद्रा के अंतरराष्ट्रीय लेवल पर महत्वपूर्ण मुद्रा बनाने की रणनीतिक योजना का हिस्सा है। आरबीआई ने कहा कि उसने 2024-25 के लिए रणनीतिक कार्ययोजना को आखिरी रूप दे दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के बही-खाते का आकार मार्च, 2024 तक 11.08 प्रतिशत बढ़कर 70.47 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह पाकिस्तान के कुल सकल घरेलू उत्पाद (करीब 340 अरब अमेरिकी डॉलर) का करीब 2.5 गुना है।
देश के हर तरह के बैंकों में ऐसे बैंक अकाउंट हैं जो 10 साल या इससे भी ज्यादा समय से ऑपरेट नहीं हुए हैं। इन अकाउंट्स में बड़ी मात्रा में पैसे पड़े हैं। इनका कोई दावेदार बैंकों को अभी तक नहीं मिला है।
इससे पहले, आईआईएफएल फाइनेंस को स्वर्ण ऋण देने से रोक और जे एम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लगाया गया था।
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