विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आसमान छूती महंगाई से राहत मिलती है तो यह सिर्फ गरीबों के लिए ही नहीं बल्कि अमीरों के लिए राहत की बात होगी।
केंद्रीय बैंक के ब्याज दर में बढ़ोतरी के फैसले का अमेरिकी बाजार ने स्वागत किया है। डाउ जोंस 900 अंक चढ़ गया। इसके साथ ही एसएंडपी 500, नैस्डैक, हैंगसैंग, कोस्पी समेत दुनिया भर कई बाजारों में बड़ी तेजी देखने को मिली है।
अर्थशास्त के बेसिक की बात करें तो जब भी ब्याज दर चक्र नीचे से यू-टर्न लेता है, तो यह आमतौर पर छोटी से मध्यम अवधि की ब्याज दरों के सबसे पहले बढ़ने की संभावना होती हैं।
हम एक सामान्य परिस्थिति के मुताबिक 30 लाख और 50 लाख के लोन की गणना कर बताएंगे कि आप पर ब्याज दरों का बोझ कितना पड़ेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो में 40-बेसिस पॉइंट की वृद्धि की घोषणा कर दी है।
बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। इससे सभी तरह के लोन महंगे होंगे।
बिना ग्राहक की मंजूरी के कार्ड जारी करना या उसकी सीमा बढ़ाने अथवा अन्य सुविधाएं देना बिल्कुल मना है।’’ यह दिशानिर्देश एक जुलाई, 2022 से लागू होगा
एनबीएफसी को कर्ज मंजूरी से पहले सरकार तथा अन्य नियामकीय प्राधिकरणों से उनकी परियोजनाओं को मंजूरी को सुनिश्चित करने की जरूरत होगी।
क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल मुद्राओं का लेनदेन करने वालों के लिए कराधान के पहलू स्पष्ट हो सकेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा में नरम नीतिगत रुख को वापस लेने का संकेत दिया है।
आरबीआई ने रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में आए उछाल और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी अड़चनों की वजह से अर्थव्यवस्था के वृद्धि दर अनुमान घटाया है।
आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक पॉलिसी की घोषणा करते हुए कहा है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। पहले इसके 4.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान था।
मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान रिजर्व बैंक गवर्नर ने बताया कि यूपीआई का इस्तेमाल कर एटीएम से बिना कार्ड के निकासी की सुविधा का विस्तार सभी बैंकों के लिए किया गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन कई ऐसी घोषणाएं की है जो आम आदमी की चिंता बढ़ाने वाली है।
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मोबाइल ऐप के जरिये छोटी अवधि के लिये ऊंचे ब्याज पर व्यक्तिगत कर्ज देने वाले मंचों के नियमन का आग्रह किया गया है
एक अन्य बयान में केंद्रीय बैंक ने इसी तरह के मामले में मुंबई के कोकन मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक छह से आठ अप्रैल को होगी।
केंद्रीय बैंक 6-8 अप्रैल के दौरान होने वाली मौद्रिक समीक्षा बैठक में अपने नीतिगत रुख को सख्त कर सकता है।
बैंक का परिसमापन होने पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा दावा कर सकेगा।
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