RBI ने पिछले महीने अचानक रेपो दर एवं CRR में वृद्धि कर सबको अचंभित कर दिया था। रेपो दर को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया गया था जबकि CRR में भी 0.50% की वृद्धि की गई थी।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति नतीजों के बारे में बुधवार को जानकारी देगी, लेकिन उससे पहले ही तीन बैंकों ने मंगलवार से ब्याज दरें बढ़ा दी हैं।
ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है।
मई में भी महंगाई का आंकड़ा सात प्रतिशत रहने का अनुमान है, लिहाजा रिजर्व बैंक की तरफ से इस पर नियंत्रण के लिए कई और कदम उठाए जा सकते हैं।
महंगाई को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भी पिछले महीने ही रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट की वृद्धि कर ब्रह्मास्त्र चला चुका है।
ब्रिटेन की ब्रोकरेज कंपनी बार्कलेज के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति अनुमान को संशोधित कर 6.2 से 6.5 प्रतिशत कर सकता है।
आने वाले दिनों में आप पर ईमएआई का बोझ और बढ़ने वाला है। आपकी होम, कार लोन समेत दूसरी लोन की ईएमआई बढ़ेगी।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को बयान में कहा कि इन आवेदनों को ‘उपयुक्त’ नहीं पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया है।
अर्थशास्त्रियों ने मुद्रास्फीति पर रूस-यूक्रेन युद्ध के असर को लेकर किए गए अध्ययन में यह पाया है कि कीमतों में हुई कम-से-कम 59 प्रतिशत की वृद्धि के पीछे इस युद्ध से पैदा हुए भू-राजनीतिक हालात रहे हैं।
गुरुवार को जारी महंगाई के ताजा आंकड़ों ने रही बची उम्मीद भी खत्म कर दी। सरकार के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में महंगाई दर आठ साल के उच्चतम स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
मई में हुई मॉनेटरी पॉलिसी की आपातकालीन बैठक में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि महंगाई अपने सामान्य स्तर को कई महीनों से पार कर रही है।
रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भले ही नीतिगत ब्याज दर में अचानक वृद्धि कर दी है लेकिन वह एक सहज मौद्रिक नीतिगत कदम के पक्ष में है और दर में छोटी-छोटी बढ़ोतरी करना चाहता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आसमान छूती महंगाई से राहत मिलती है तो यह सिर्फ गरीबों के लिए ही नहीं बल्कि अमीरों के लिए राहत की बात होगी।
केंद्रीय बैंक के ब्याज दर में बढ़ोतरी के फैसले का अमेरिकी बाजार ने स्वागत किया है। डाउ जोंस 900 अंक चढ़ गया। इसके साथ ही एसएंडपी 500, नैस्डैक, हैंगसैंग, कोस्पी समेत दुनिया भर कई बाजारों में बड़ी तेजी देखने को मिली है।
अर्थशास्त के बेसिक की बात करें तो जब भी ब्याज दर चक्र नीचे से यू-टर्न लेता है, तो यह आमतौर पर छोटी से मध्यम अवधि की ब्याज दरों के सबसे पहले बढ़ने की संभावना होती हैं।
हम एक सामान्य परिस्थिति के मुताबिक 30 लाख और 50 लाख के लोन की गणना कर बताएंगे कि आप पर ब्याज दरों का बोझ कितना पड़ेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो में 40-बेसिस पॉइंट की वृद्धि की घोषणा कर दी है।
बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। इससे सभी तरह के लोन महंगे होंगे।
बिना ग्राहक की मंजूरी के कार्ड जारी करना या उसकी सीमा बढ़ाने अथवा अन्य सुविधाएं देना बिल्कुल मना है।’’ यह दिशानिर्देश एक जुलाई, 2022 से लागू होगा
एनबीएफसी को कर्ज मंजूरी से पहले सरकार तथा अन्य नियामकीय प्राधिकरणों से उनकी परियोजनाओं को मंजूरी को सुनिश्चित करने की जरूरत होगी।
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