2022 की शुरुआत से ही महंगाई (Inflation) आम आदमी के जीवन को मुश्किल बना रही है। वहीं यूक्रेन (Ukraine Russia War) युद्ध ने रही बची कसर भी पूरी कर दी है।
RBI ने नवजीवन कोऑपरेटिव बैंक, बलंगीर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक , ढाकुरिया कोऑपरेटिव बैंक कोलकाता और पलानी कोऑपरेटिव अर्बन बैंक पर भी जुर्माना लगाया है।
कार्ड टोकनाइजेशन सर्विस से तात्पर्य है एक यूनिक कोड के जरिए वास्तविक कार्ड डिटेल्स को बदलना है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक अगर और पहले महंगाई रोकने पर ध्यान देने में लग जाता तो इसके परिणाम अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी हो सकते थे।
फिच ने कहा, मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है और सीपीआई की अधिक श्रेणियों में फैल गई है।
आरबीआई की रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक ने अपने बचत खाते की ब्याज दरों में इजाफा किया है।
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के फौरन बाद निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने भी 8 जून 2022 से अपनी बाहरी बेंचमार्क उधार दर (EBLR) में बदलाव किया।
दास ने बुधवार को कहा था कि बिना पंजीकरण के डिजिटल ऋण देने वाले ऐप से कर्ज लेने वाले ग्राहकों को किसी भी तरह की समस्या होने पर स्थानीय पुलिस से संपर्क करना चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद बैंकों भी कर्ज महंगा करना शुरू कर दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.7 से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है।
जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री और शोध प्रमुख समंतक दास ने कहा कि नीतिगत दरों में बढ़ोतरी मुख्य रूप से घर खरीदारों की धारणा को प्रभावित करने का काम करेगी।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नई व्यवस्था से ग्राहकों को यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान करने में अधिक अवसर और सुविधा मिलने की उम्मीद है।
रेपो रेट में बढ़ोतरी से आने वाले दिनों में आपके पर्सनल और क्रेडिट कार्ड लोन की ईएमआई भी बढ़ेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बार फिर रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोत्तरी की है। इसके बाद रेपो रेट 4.90 फीसदी पर पहुंच गई है।
Repo Rate में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी होने से रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन महंगी दर पर मिलेगा। इस प्रकार बैंक भी इस बढ़ी लागत को ग्राहकों से वसूलेंगे जिससे कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी।
बैंक से लोन लेना महंगा होगा। इसका खामियाजा लोन की ईएमआई पर पड़ेगा। आइए, जानते हैं कि होम, कार समेत दूसरे लोन पर अगले तीन महीने में कितनी ब्याज दरें बढ़ी सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा को लेकर निवेशकों के सतर्क रुख अख्तियार करने से घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट देखने को मिल रही है।
RBI ने पिछले महीने अचानक रेपो दर एवं CRR में वृद्धि कर सबको अचंभित कर दिया था। रेपो दर को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया गया था जबकि CRR में भी 0.50% की वृद्धि की गई थी।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति नतीजों के बारे में बुधवार को जानकारी देगी, लेकिन उससे पहले ही तीन बैंकों ने मंगलवार से ब्याज दरें बढ़ा दी हैं।
ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है।
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