रिजर्व बैंक की तरफ से एक डिजिटल मुद्रा लाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि इससे नकदी के इस्तेमाल में कमी का मकसद पूरा हो सकेगा।
खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह लगातार नौंवां महीना रहा जब मुद्रास्फीति आरबीआई के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बना हुआ है।
रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर मुद्रास्फीति के लिये तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया गया है, तो आरबीआई को केंद्र सरकार को रिपोर्ट देकर उसका कारण और महंगाई को रोकने के लिये उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वह जल्द ही विशिष्ट उपयोग के लिए ई-रुपये की पायलट आधार पर पेशकश करेगा। केंद्रीय बैंक भारत में डिजिटल मुद्रा का परीक्षण कर रहा है।
आरबीआई ने रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए चुनौतीपूर्ण वैश्विक भू-राजनीतिक हालात के बीच चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
विदेशी ब्रोकरेज क्रेडिट सुइस ने एक रिपोर्ट में कहा है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में कमजोर बाहरी मांग और डॉलर की मजबूती से विकास पर असर पड़ेगा।
आरबीआई ने ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक अक्टूबर से भुगतान कार्डों को टोकन में बदलना अनिवार्य कर दिया है
अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत से निवेशकों का भरोसा फिर से लौटा। इससे बाजार में जोदार तेजी देखने को मिली।
जानकारों का कहना है कि सस्ते और मध्यम खंड के घरों की बिक्री पर इसका असर अधिक दिखाई देगा। बैंक रेपो दर में इजाफे का धीरे-धीरे करके ग्राहकों पर डालेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया।
आरबीआई द्वारा भारतीय जीडीपी को लेकर मजबूती के संकेत देने के बाद बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।
अब जब रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की घोषणा कर दी है तो ऐसे में अब यह तय माना जा रहा है कि देश के प्रमुख बैंक भी आज या कल में ब्याज दरें बढ़ा देंगे।
आरबीआई ने कहा कि रुपये की चाल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सही। इस साल 28 सितंबर तक सिर्फ 7.4 प्रतिशत की गिरावट हुई।
रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी होने से रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन महंगी दर पर मिलेगा। इस प्रकार बैंक भी इस बढ़ी लागत को ग्राहकों से वसूलेंगे जिससे कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी।
RBI द्वारा नीतिगत दर में वृद्धि होने पर उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है और गिरावट का रुख कुछ समय तक बना रह सकता है।
RBI Policy: रिजर्व बैंक की हर दूसरे महीने होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी यानि एमपीसी (MPC) की बैठक आज 28 सितंबर से शुरू हो गई है। यह बैठक 30 सितंबर तक चलेगी। इस बैठक में रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के सामने सबसे बड़ा प्रश्न महंगाई को काबू में लाना है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली PMC की बैठक 28 से 30 सितंबर तक होगी। ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का खुलासा इस तीन दिन की इस बैठक के आखिरी दिन होगा
आरबीआई ने महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो दर में मई से अबतक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 5.40 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है।
रिजर्व बैंक के आदेश के अनुसार, बैंक बंद करने की अंतिम तारीख 22 सितंबर है। इसके बाद से बैंक को अपना कारोबार करना होगा।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर का यह बयान हाल की घटनाओं को देखते हुए महत्वपूर्ण है। ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिसमें इन ऐप के माध्यम से कर्ज लेने वाले कुछ लोग आत्महत्या करने के लिये मजबूर हो गये।
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