भारत की जनता के लिए आज एक अच्छी खबर आई है। देश में अब महंगाई पिछले 18 महीने के न्यूनतम स्तर पर चली गई है। एक्सपर्ट का कहना है कि इसका फायदा आम जनता को नहीं मिलेगा। आइए जानते हैं कि ऐसा कहने के पीछे का क्या कारण है?
आज खुदरा महंगाई के आंकड़े भी आएंगे। इसमें भी राहत की उम्मीद संभावना जताई जा रही है। गौरतलब है कि खुदरा महंगाई अक्टूबर में 7 फीसदी के पार पहुंच गई है।
बैंकों ने एफडी निवेशकों को अभी तक पूरी रेट हाइक का लाभ नहीं दिया है, इसलिए आने वाले महीनों में एफडी पर ब्याज दर में और वृद्धि होने की संभावना है। आपको एक खास स्ट्रैटेजी के साथ निवेश करना होगा।
सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई जबकि अगस्त में यह सात प्रतिशत पर थी। अक्टूबर महीने के मुद्रास्फीति आंकड़े सोमवार को जारी होंगे।
RBI हमेशा सभी बैंको पर नजर रखता है। उसे जब भी किसी गड़बड़ी की आशंका होती है तो वह उस बैंक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करता है। इस बार बारी इस बैंक की आई है। जानिए कितने ग्राहकों को उसके जमा पैसे मिलेंगे।
आंकड़ों के अनुसार, 2016 में देश में जब्त किए गए नकली 2,000 रुपये के नोटों की कुल संख्या 2,272 थी, जो 2017 में बढ़कर 74,898 हो गई, जो 2018 में घटकर 54,776 हो गई।
वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल रुपया भी एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकता है।
मौद्रिक समित के गठन के बाद यह पहली बार है जब आरबीआई ने इस तरह की विशेष बैठक बुलाई है। साल 2016 में मौद्रिक नीति निर्धारण के लिए एमपीसी का गठन किया गया था।
इस बढ़ोतरी के बाद भारत में भी ब्याज दर में और बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है। RBI की 3 नवंबर यानी आज से मौद्रिक समिति की विशेष बैठक हो रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक इस समय चौतरफा मुश्किलों से घिरा है। एक ओर रुपया गिर रहा है वहीं महंगाई बढ़ रही है। आरबीआई हर मोर्चे पर फेल होता दिख रहा है। लेकिन शक्तिकांत दास ने इसका बचाव किया है।
RBI Digital Currency: डिजिटल करेंसी लॉन्च होने के पहले ही दिन अच्छी शुरुआत रही है। इसे RBI की देख रेख में सर्कुलेट किया जाएगा। जानिए पहले दिन कैसी रही डील और क्या है डिजिटल करेंसी?
डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब RBI की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश की जा रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते है
वर्ष 2016 में मौद्रिक नीति निर्धारण के एक व्यवस्थित ढांचे के रूप में MPC का गठन किया गया था। उसके बाद से MPC ही नीतिगत ब्याज दरों के बारे में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई बनी हुई है।
Next Week Market: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की विशेष बैठक से कंपनियों के तिमाही नतीजे और अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों पर निर्णय जैसे घटनाक्रमों से इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों की दिशा तय होगी।
डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब आरबीआई की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश करने की बात हो रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते हैं कि डिजिटल करेंसी क्या होती है और इसके क्या फायदे हैं।
जानकारों का कहना है कि इस बैठक में महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई सख्त फैसले ले सकता है। एक बार ब्याज दरों में और बड़ी बढ़ोतरी की जा सकती है।
सभी के मन में यह भी सवाल उठता है कि भारत में करेंसी नोट पर छपने वाली तस्वीरें कौन तय करता है और इससे जुड़े नियम एवं कानून क्या हैं।
रिजर्व बैंक की तरफ से एक डिजिटल मुद्रा लाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि इससे नकदी के इस्तेमाल में कमी का मकसद पूरा हो सकेगा।
खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह लगातार नौंवां महीना रहा जब मुद्रास्फीति आरबीआई के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बना हुआ है।
रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर मुद्रास्फीति के लिये तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया गया है, तो आरबीआई को केंद्र सरकार को रिपोर्ट देकर उसका कारण और महंगाई को रोकने के लिये उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी।
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