सरकारी प्रतिभूतियों को उधार देने और लेने (जीएसएल) का सौदा कम-से-कम एक दिन और अधिकतम 90 दिनों के लिये होगा।
रिजर्व बैंक इसके लिए अलग गाइडलाइन जारी कर सकता है। 8 फरवरी को घोषित आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा में बताया गया था कि इस संबंध में जल्दी ही एक ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
अगले कुछ महीनों तक कुल मुद्रास्फीति के मध्यम रहने के बावजूद प्रमुख मुद्रास्फीति बनी रह सकती है और आरबीआई इसी को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है
आरबीआई ने बुधवार को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि करते हुए इसे 6.50 प्रतिशत पर पहुंचा दिया।
सतत वृद्धि के व्यापक उद्देश्य को देखते हुए हमारा मानना है कि मौजूदा चक्र में यह ब्याज दरों में आखिरी वृद्धि है।
खुदरा सीबीडीसी अभी केवल 50,000 ग्राहकों और 5,000 दुकानदारों को ही उपलब्ध है। इस सेवा को संबंधित बैंकों की तरफ से निमंत्रण के आधार पर जारी किया जा रहा है।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया देते हुए बैंकिंग विशेषज्ञों ने कहा कि फिक्स्ड डिपॉजिट निवेशकों के लिए यह एक अच्छी खबर है क्योंकि बैंक डिपॉजिट दरें बढ़ाएंगे।
आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बीपीएस की न्यूनतम वृद्धि की घोषणा करके इसे 6.50% तक ले जाने का कदम उठाया है। यह बढ़ोतरी थोड़ी निराशाजनक है क्योंकि केंद्रीय बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को कोई बड़ा पुश नहीं दिया गया था।
आपको भी सोशल मीडिया पर लोन का टेन्योर बढ़ाने की सलाह दी जा रही है। इससे आपके लोन की ईएमआई स्थिर रहती है। क्या ये तरीका आपके लिए फायदेमंद है या फिर नुकसानदेह, आईए कुछ बिंदुओं में समझते हैं इसका पूरा गणित
RBI ने रेपो दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5% कर दिया है। आरबीआई के इस फैसले से जहां लोन लेना महंगा हो गया है, वहीं इसका फायदा बैंक में एफडी करवाने वालों को मिल रहा है।
यूपीआई के जरिये भुगतान जनवरी में मासिक आधार 1.3 प्रतिशत बढ़कर करीब 13 लाख करोड़ रुपये रहा है। दास ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक 12 शहरों में क्यूआर कोड आधारित ‘कॉइन वेंडिंग मशीन को लेकर पायलट परियोजना शुरू करेगा।
UPI: भारत ने एक दिसंबर, 2022 को जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। जी-20 दुनिया के विकसित और विकासशील देशों का मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मद्देनजर अडाणी समूह की कंपनियों को बैंकों की तरफ से दिये गये कर्ज को लेकर विभिन्न तबकों में चिंता जतायी जा रही है।
FD Investment: भारतीयों के बीच एफडी की लोकप्रियता के पीछे के कारणों को समझने के लिए लगभग 16 लाख निवेशकों का सर्वेक्षण किया गया। सेबी ने भी अलग से एक रिपोर्ट तैयार की दोनों में एक ही बात सामने आई।
ब्याज दरों की समीक्षा के लिए RBI हर दो महीने में बैठक करता है। यह उन महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है, जिन पर शेयर मार्केट की नजर है।
6 फरवरी से 8 फरवरी के बीच चलने वाली आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक आज से शुरु हो गई है। पिछली बार भी ये बैठक दो महीने पहले दिसंबर में हुई थी। हर दो महीने में इसकी बैठक क्यों होती है? और किन बातों की समीक्षा की जाती है, आइए जानते हैं।
Home and Car Loan EMI: आम जनता पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ने वाली है। आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रहा है। इससे होम लोन और कार लोन की ईएमआई की राशि बढ़ेगी।
Bank Loan: वित्त मंत्री ने अपने पहले बजट भाषण में कहा था कि इससे आसानी से कर्ज देने में मदद मिलेगी, वित्तीय समावेशन बढ़ेगा और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
आरबीआई ने कहा कि वर्तमान मूल्यांकन के अनुसार, बैंकिंग क्षेत्र जुझारू और स्थिर बना हुआ है। पूंजी पर्याप्तता, संपत्ति की गुणवत्ता, नकदी, प्रावधान प्रसार और लाभप्रदता से संबंधित विभिन्न मानदंड अच्छी स्थिति में हैं।
फिलहाल वैश्विक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 95 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने वाले 115 देश डिजिटल मुद्रा की संभावना टटोल रहे हैं। करीब 60 देश इस मामले में काफी आगे बढ़ चुके हैं।
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