केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘आकस्मिक जोखिम बफर’ को छह प्रतिशत रखने का फैसला करते हुए लेखा वर्ष 2022-23 के लिये अधिशेष के रूप में 87,416 करोड़ रुपये केंद्र सरकार को अंतरित करने को मंजूरी दी।
नई व्यवस्था के लागू होने पर बैंक को नुकसान के प्रावधान को लेकर कर्ज के फंसे ऋण में तब्दील होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी।
Recession Rate in India: RBI की कोशिश अब रंग लाने लगी है। पिछले मौद्रिक समिति की बैठक में रेपो रेट ना बढ़ाने का फैसला भारतीय इकोनॉमी के लिए बूस्टर डोज साबित हुआ है। महंगाई में कमी आई है।
बैंक और ग्राहक के बीच होने वाले इस नए एग्रीमेंट में बैकों को भी कई बंदिशों से राहत दी गई है। इसके अतह अब लॉकर के पासवर्ड या चाबी का दुरुपयोग की स्थिति में बैंक पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
गवर्नर ने इसके साथ ही बैंकों को सतर्क रहने के लिए आगाह करते हुए कहा कि दुनियाभर में परंपरा से हटकर नीतियां अपनाई जा रही हैं। ऐसे में वित्तीय क्षेत्र में किसी तरह का ‘आश्चर्य’ कहीं से भी देखने को मिल सकता है।
RBI News: आरबीआई ने एक बार फिर से 4 बैंकों पर जुर्माना लगाया है। यह नियमों के उल्लघंन करने पर लगा है। आइए पूरी खबर जानते हैं।
सरकार ने आरबीआई को यह जिम्मेदारी दी है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रहे।
दास ने कहा कि जहां तक आरबीआई की बात है तो बीते कुछ वर्षों में केंद्रीय बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों समेत पूरी बैंकिंग प्रणाली पर निगरानी और नियमन को बेहतर और सख्त किया है।
अभी तक हमें लोन क्रेडिट स्कोर को देखकर ही बैंक देता था, लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इससे जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया है। जिसके जरिये अब हम यूपीआई डिजिटल क्रेडिट लाइन के साथ आसानी से लोन पा सकेंगे और हमारी दौड़-धूप बचेगी।
केंद्रीय बैंक के नियमन के दायरे में आने वाले कार्यों को करने के लिये विभिन्न संस्थानों को लाइसेंस/अधिकार पत्र प्राप्त करने की जरूरत होती है।
दास ने कहा, ‘‘यदि मुझे एक लाइन में आज की मौद्रिक समीक्षा के बारे में बोलना हो, तो मैं यही कहूंगा कि रेपो दर में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन यह कदम स्थायी नहीं है।’’
नारेडको नेशनल के वाइस चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि रेपो रेट में बढ़ोतरी पर विराम देने के लिए भारतीय कंपनियां RBI के फैसले की सराहना करता है।
सबसे अधिक 8,086 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि भारतीय स्टेट बैंक में जमा है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 5,340 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के कच्चे तेल के उत्पादन को घटाने के फैसले से मुद्रास्फीति का परिदृश्य गतिशील बना हुआ है।
RBI Repo Rate: आज कार से लेकर होम लोन लेने वालों के लिए एक बुरी खबर आने वाले है। आरबीआई रेपो रेट में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। आइए जानते हैं कि इससे किसे फायदा तो किन लोगों को नुकसान होने वाला है।
वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई ने छह बार में रेपो रेट में वृद्धि कर चुका है। पिछले साल मई से लेकर रेपो रेट में ढ़ाई फीसदी की वृद्धि हो चुकी है।
बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि एफडी पर ज्यादा ब्याज पाने के लिए बैंकों की ओर से दी जा रही ब्याज दर की तुलना करें।
आपको बता दें कि पिछले 11 महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी किया है।
RBI Repo Rate: महंगाई का मेवा खाने के लिए तैयार हो जाइए। आरबीआई अगले MPC की बैठक में फिर से रेपो रेट बढ़ा सकती है। रेपो रेट बढ़ने का सीधा असर आम जनता के जेब पर पड़ता है और लोन महंगे हो जाते हैं।
RBI Repo Rate: RBI ने इस वित्त वर्ष में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक को लेकर आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि आरबीआई को विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए मौद्रिक नीति संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
लेटेस्ट न्यूज़