RBI Guidelines: आरबीआई ने नया गाइडलाइन जारी किया है, जिसमें उसने बैंकों से कहा है कि बिना बताए अपनी मर्जी से EMI नहीं बढ़ा सकते हैं।
RBI: आरबीआई ने उन लोगों के लिए राहत का कार्य किया है, जिनका पैसा बैंक में जमा हुआ पड़ा है और वह उसे निकाल नहीं पा रहे हैं।
कुल कर्ज में NBFC की हिस्सेदारी इस साल जून महीने में बढ़कर 9.9% हो गयी जबकि साल भर पहले यह 8.5 % थी
Inflation Tomato: देश में महंगाई तेजी से बढ़ रही है। आम आदमी की थाली से सब्जी और जेब से पैसे दोनों गायब हो रहे हैं। अब इस आंकड़े ने एक नई चिंता पैदा कर दी है।
रिजर्व बैंक के दस्तावेज के अनुसार, इनमें से मैकिन्से एंड कंपनी इंडिया एलएलपी और एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड इंडिया को अनुबंध दिया गया है।
आरबीआई के सर्कुलर में बैंकों से कहा गया है कि वे ग्राहक को केवाईसी प्रक्रिया को पूरी करने के लिए डिजिटल माध्यम से यह सुविधा प्रदान करें।
RBI ने बृहस्पतिवार को लगातार तीसरी नीति बैठक में अपनी प्रमुख ब्याज दर रेपो को अपरिवर्तित रखा
आपको बता दें कि आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने का ऐलान किया है।
हालांकि, अब भी कुल भुगतान सीमा 2,000 रुपये ही रहेगी। इसका मकसद भुगतान के इस तरीके की स्वीकार्यता बढ़ाना है।
रिजर्व बैंक जल्द ही व्यवस्था करने जा रहा है, जिसके तहत कर्ज लेते समय बैंक ग्राहकों को फिक्स और फ्लोटिंग ब्याज दरों का विकल्प दे सकते हैं। इससे बार बार ईएमआई बढ़ने से राहत मिलेगी।
शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि बाजार में नई फसल की आवक शुरू होने के साथ स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि जुलाई में मानसून और खरीफ की बुवाई में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिली है।
रिजर्व बैंक ने होम, कार लोन समेत तमाम तरह के लोन लेने वालों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.5% पर बना रहेगा।
बीएसई सेंसेक्स 114.88 अंक टूटकर 65,880.93 अंक पर खुला है। वहीं, एनएसई निफ्टी 31.25 अंक लुढ़ककर 19,601.30 अंक पर कारोबार कर रहा है।
डॉयचे बैंक इंडिया के अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि जुलाई महीने की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.7 प्रतिशत हो सकती है जो जून में 4.8 प्रतिशत थी।
Rbi Repo Rate: देश की आम जनता पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ने जा रही है। इस बार RBI के रेपो रेट की बैठक में कुछ बड़ा फैसला देखने को मिल सकता है।
आपको बता दें कि रेपो रेट बढ़ने से बैंकोंं को कर्ज लेना महंगा हो जाता है। इसके चलते लाखों लोगों की ईएमआई बढ़ जाती है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.81 प्रतिशत पर पहुंच गई।
MCLR की बढ़ोत्तरी का सीधा असर सभी तरह के लोन (Bank Loan) पर पड़ेगा। ऐसे में यदि आपने कार लोन लिया हो।
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 8-10 अगस्त को होगी।
Gpay, PhonePe और Paytm का इस्तेमाल पैसे ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। ये दरअसल थर्ड पार्टी एप्स हैं। ऐसे में पैसा गलत ट्रांसफर होने में इनकी सीधेतौर पर कोई जिम्मेदारी नहीं होती है।
लेटेस्ट न्यूज़