29 सितंबर 2023 को क्लोजिंग के समय तक 0.14 लाख करोड़ रुपये मूल्य के दो हजार रुपये के नोट (2000 rupee note) सर्कुलेशन में मौजूद थे।
नारेडको के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने भी नीतिगत दर को यथावत रखने की सराहना की और कहा, नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर रखना आर्थिक वृद्धि में तेजी को बनाए रखते हुए मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के महत्व को दर्शाता है। उन्होंने कहा, त्योहारों के दौरान आवास ऋण की मांग में उछाल रहने की उम्मीद है।
लंबी अवधि के लिए एफडी में निवेश करने वाले निवेशकों को अपनी जमा राशि को निवेश करने के सही समय को लेकर सबसे बड़ी दुविधा का सामना करना पड़ता है। यदि वे इसे अभी बुक करते हैं और ब्याज दरें और बढ़ जाती हैं, तो उन्हें अतिरिक्त ब्याज दर का नुकसान हो सकता है।
यह कैसे काम करता है? एक बार जब उधारकर्ता वर्ष के अंत में कुल मूलधन और ब्याज राशि का भुगतान कर देता है, तो ऋण की सीमा समाप्त हो जाती है। सीधे शब्दों में कहें तो कर्ज लेने वाला कर्ज चुका सकता है और अगले दिन फिर से कर्ज ले सकता है।
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले साल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद बदली हुई परिस्थितियों में रेपो दर में बढ़ोतरी का सिलसिला मई, 2022 में शुरू किया था। नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का यह सिलसिला फरवरी, 2023 तक जारी रहा। इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गई।
रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने मई, 2022 में नीतिगत दर बढ़ाना शुरू किया था और इस साल फरवरी में यह 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। इसके बाद से लगातार पिछली तीन द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में नीतिगत दर को स्थिर रखा गया।
इक्रा लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख (वित्तीय क्षेत्र रेटिंग) कार्तिक श्रीनिवासन ने भी उम्मीद जताई कि एमपीसी नीतिगत दर को स्थिर रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘सितंबर के दूसरे पखवाड़े में नकदी में जो सख्ती देखी गई, वह जारी रहने की संभावना नहीं है।
रिजर्व बैंक ने शनिवार को इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया। इससे काफी लोगों को राहत होगी।
विश्व बैंक की एक स्टडी के मुताबिक वर्ष 2022 में वैश्विक सीमापार धन भेजने का कुल आंकड़ा 830 अरब डॉलर का था जिसमें भारत को सबसे ज्यादा धन भेजा गया था।
केंद्रीय बैंक उन लोगों के लिए विशेष छूट लेकर आ सकता है जो समय सीमा से चूक गए हैं। कुछ विदेश में थे तो कुछ की तबीयत सही नहीं थी।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि औसतन वस्तु व्यापार घाटा 2023-24 की पहली तिमाही के मुकाबले जुलाई-अगस्त के दौरान अधिक रहा है। इसके साथ कच्चे तेल के दाम में तेजी से कैड चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में तिमाही आधार पर बढ़कर 19-21 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.3 प्रतिशत रह सकता है।
आरबीआई ने कहा कि जून 2023 के आखिर में विदेशी ऋण और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात घटकर 18.6 प्रतिशत हो गया, जो मार्च 2023 के आखिर में 18.8 प्रतिशत था।
फिलहाल, 30 सितंबर तक व्यक्तियों के पास आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों (आरओ) या किसी नजदीकी बैंक शाखा में 2,000 रुपये के नोट बदलने का विकल्प भी है। हालांकि, अभी दो दिन शेष है। ऐसे में बहुत सारे उम्मीद लगा रहे हैं कि आरबीआई डेडलाइन को बढ़ा सकता है या कुछ और राहत दे सकता है।
आरबीआई 'जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों' की पहचान उन लोगों के रूप में करता है, जो बैंक का बकाया चुकाने की क्षमता रखते हैं, लेकिन बैंक का पैसा नहीं चुकाते।
31 अगस्त, 2023 तक जितने 2000 रुपये के नोट वापस आए हैं, उनका कुल मूल्य 3.32 लाख करोड़ रुपये है।
आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा है कि विनियमित संस्थाओं को ऐसे चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों को जारी करने में अलग-अलग तरीकों का पालन करते हैं, जिससे ग्राहकों की शिकायतें और विवाद सामने आते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2023-24 सीरीज 2 को बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों - नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के जरिये खरीद सकते हैं।
एक एक्सपर्ट का कहना है कि जिस हिसाब से यूपीआई का इस्तेमाल (UPI transaction) बढ़ा है, इसमें कोई शक नहीं कि यह आंकड़ा अगले 18-24 महीने में हर महीने 20 अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन पर पहुंच जाएगा।
आरबीआई ने एक बयान में कहा, “एसजीबी का मूल्य 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के साधारण औसत के आधार पर 5,923 रुपये प्रति ग्राम बनता है।
सूत्रों ने स्वदेशी भुगतान प्रणाली ‘रुपे’ के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसे बढ़ावा देने के बारे में कोई भी निर्देश नहीं दिया गया है। रुपे को आकर्षक बनाकर लोकप्रिय बनाया जा सकता है।
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