रिजर्व बैंक ने 31 मार्च, 2023 तक अपनी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए एक वैधानिक निरीक्षण किया था और इंडसइंड बैंक को एक नोटिस जारी किया था। नोटिस पर मणप्पुरम फाइनेंस के जवाब पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने यह पेनाल्टी लगाई।
प्रस्ताव किया गया है कि कोई भी ऋणदाता जो इस कानून का उल्लंघन करते हुए डिजिटल या अन्यथा ऋण प्रदान करता है, उसे कम से कम दो साल की कैद की सज़ा दी जाएगी, जो सात साल तक बढ़ सकती है, साथ ही 2 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि मौजूदा महंगाई को देखते हुए आरबीआई के लिए अगले 13-14 महीनों तक ब्याज दरों में कटौती करना काफी मुश्किल होगा। उन्होंने वित्त वर्ष 2025-26 में औसत महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई।
एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि अगर रिजर्व बैंक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए दरों में कटौती करता है, तो भी इसकी प्रमुख दरों में 0.50 प्रतिशत की गिरावट ग्रोथ प्रक्रिया में मदद करने के लिए निर्णायक कदम नहीं होगा। उनका कहना है कि जब आप दरों में कटौती करने के लिए कदम उठाते हैं, तो यह निर्णायक होना चाहिए।
राजस्थान के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा के पास पावर, फाइनेंस और टैक्सेशन जैसे बड़े सेक्टरों में पब्लिक पॉलिसी में तीन दशक से भी ज्यादा एक्सपीरियंस है। हालांकि, संजय मल्होत्रा ऐसे समय में आरबीआई के गवर्नर का पद संभाल रहे हैं, जब देश महंगाई के साथ-साथ सुस्त अर्थव्यवस्था का सामना कर रहा है।
घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ने कहा कि वह फरवरी में दरों में कटौती की संभावना से इनकार नहीं करती है। इसने उल्लेख किया कि मल्होत्रा को नियुक्त करने का फैसला बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया, और यह दर्शाता है कि सरकार आरबीआई के शीर्ष पर किसी टेक्नोक्रेट के बजाय किसी नौकरशाह को रखने में सहज है।
दास ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी को बदलती विश्व व्यवस्था को समझना होगा, साइबर खतरों से प्रभावी ढंग से निपटना होगा और नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
आरबीआई के गवर्नर के तौर पर छह साल के अपने कार्यकाल में शक्तिकान्त दास ने कोविड महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में देश की मौद्रिक नीति का कुशल मार्गदर्शन करने के साथ आर्थिक वृद्धि एवं मुद्रास्फीति के बीच समुचित संतुलन साधने की भी कोशिश की।
संजय मल्होत्रा, शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल मंगलवार (10 दिसंबर, 2024) को समाप्त हो रहा है। मल्होत्रा आरबीआई के 26वें गवर्नर होंगे।
शक्तिकांत दास ने आरबीआई के लिए बहुत ही कठिन समय में पदभार संभाला था, उन्होंने उर्जित पटेल का स्थान लिया था जिन्होंने अपने कार्यकाल के आखिर से पहले पद छोड़ने का फैसला किया था।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि स्मॉल फाइनेंस बैंक अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचने के लिए उच्च प्रौद्योगिकी, कम लागत वाले मॉडल का सहारा लेते हैं और यूपीआई पर ऋण की पहुंच का विस्तार करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
आज निफ्टी पैक में सबसे अधिक तेजी टाटा मोटर्स में 3.21 फीसदी, बजाज ऑटो में 2.34 फीसदी, एक्सिस बैंक में 1.50 फीसदी, बीपीसीएल में 1.28 फीसदी और डॉ रेड्डी में 1.10 फीसदी दर्ज हुई।
सितंबर तिमाही में उम्मीद से कम वृद्धि के बावजूद, लगातार 11वीं बार रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का फैसला मुद्रास्फीति पर चिंताओं को दर्शाता है। सीआरआर दर में कटौती से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिल सकता था।
देश में छोटी जोत वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब वे बैंक से बिना किसी गारंटी के 2 लाख रुपये तक लोन ले पाएंगे। अभी यह सीमा 1.6 लाख रुपये है।
आपको बता दें कि RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढोतरी की थी। इसके चलते रेपो रेट 6.25% से बढ़ाकर 6.50% हो गया था। उसके बाद से लगातार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को स्थिर रखा हुआ है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार सुबह 10 बजे एमपीसी की समीक्षा बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे। यह दास के मौजूदा कार्यकाल की आखिरी एमपीसी बैठक है। उनका कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।
डब्ल्यूजीसी ने कहा कि आरबीआई द्वारा की गई यह खरीद 2023 की इसी अवधि की तुलना में पांच गुना बढ़ोतरी को दर्शाती है। डब्ल्यूजीसी ने आगे कहा कि उभरते बाजार के केंद्रीय बैंकों ने बाजार पर अपना दबदबा बनाए रखा है, जिसमें तुर्की और पोलैंड ने जनवरी-अक्टूबर 2024 तक क्रमशः 72 टन और 69 टन अपने स्वर्ण भंडार में जोड़े हैं।
RBI MPC meeting : भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से शुरू हो गई है। 6 दिसंबर को रेपो रेट पर फैसला सामने आएगा।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक 4 से 6 दिसंबर को होने वाली है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कमेटी के फैसले की घोषणा 6 दिसंबर को करेंगे।
सभी बैंकों के प्रमुखों को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि बैंकों को निष्क्रिय/फ्रीज किए गए खातों की संख्या को कम करने और ऐसे खातों को सक्रिय करने की प्रक्रिया को आसान और परेशानी मुक्त बनाने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने की सलाह दी जाती है।
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