पहला रेल बजट 1947 में देश के पहले रेल मंत्री जॉन मथाई ने पेश किया था। हालांकि, तब मथाई ने भारत के वित्त मंत्री के रूप में दो बजट भी पेश किए। रेल बजट को पहली बार 1924 में एकवर्थ समिति की सिफारिशों के बाद आम बजट से अलग किया गया था।
पहले महिला सीनियर सिटीजन को ट्रेन टिकट पर 50 फीसदी और पुरुष व ट्रांसजेंडर सीनियर सिटीजन को 40 फीसदी छूट मिलती थी।
बजट में मेट्रो नेटवर्क, नमो भारत कॉरिडोर, वंदे भारत ट्रेनों, हाई स्पीड कॉरिडोर और आर्थिक गलियारों के विस्तार के लिए पूंजीगत धन उपलब्ध कराने की उम्मीद है। बजट के लिए रेल कम्पोनेंट के लिए एक पीएलआई योजना पर भी काम चल रहा है।
इस साल अंतरिम बजट 2024-25 में, भारतीय रेल को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये का पर्याप्त एलोकेशन मिला। सरकार रेलवे से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने के लिए भी अलग से कुछ फंड की घोषणा कर सकती है।
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