चालू रबी सत्र में अभी तक गेहूं खेती का रकबा 110.66 लाख हेक्टेयर हो गया जो पूर्व वर्ष की इसी अवधि के रकबे से 12.41 प्रतिशत कम है।
आयात शुल्क से गेहूं और दलहन की कीमतों में इजाफा हो सकता है। आटा, सूजी, मैदा और सभी दालों की कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका बढ़ी है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार सरकार के द्वारा रबी दलहन और तिलहन फसलों का जो एमएसपी घोषित किया गया है उसमें 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल की बोनस राशि भी शामिल है।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि खरीफ सत्र में दलहन उत्पादन में करीब 7 लाख टन की जो कमी आई है उसकी भरपाई रबी सत्र की दलहन पैदावार से की जा सकती है।
केंद्र सरकार जुलाई से शुरू हो रहे फसल वर्ष 2017-18 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने पर विचार कर रही है। किसानों को 1550 रुपए का भाव मिलेगा।
अगले महीने समाप्त हो रहे इस फसल वर्ष में देश में रिकॉर्ड 9.74 करोड़ टन गेहूं पैदावार का अनुमान है। मानसून अच्छा रहने से यह नया रिकार्ड बनने जा रहा है।
केंद्र सरकार ने पंजाब में गेहूं खरीद के लिए 17,994 करोड़ रुपए की नकद ऋण सीमा जारी की है। गेहूं की जल्द आमद और एसबीआई के आश्वासन के बाद फैसला किया है।
सरकार चना वायदा कारोबार से प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है। इसका मकसद कटाई के समय किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाना है।
गेहूं की बुवाई का काम अंतिम चरण में है और इसके अंतर्गत कुल रकबा 7.87 प्रतिशत बढ़कर 315.55 लाख हैक्टेयर पहुंच गया है। बारिश से बेहतर फसल की संभावना बढ़ी है।
बेहतर मानसून और अधिक समर्थन मूल्य के प्रोत्साहन से चालू रबी फसल में गेहूं बुवाई का रकबा आठ प्रतिशत बढ़कर 292.39 लाख हेक्टेयर हो गया।
सरकार द्वारा 500 और 1000 का नोट बंद करने के फैसले के बाद से बैंकों को 18 नवंबर तक 5.44 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट बदले या जमा किए हैं।
नोटबंदी से परेशान किसानों के लिए राहत भरी खबर है। सरकार ने किसानों को 500 रुपये के पुराने नोटों से फसलों के बीज खरीदने की अनुमति प्रदान कर दी है।
सरकार को कृषि उपज मूल्य निर्धारण के संदर्भ में सलाह देने वाली निकाय सीएसीपी ने रबी दलहन के MSP में 475 रुपए प्रति क्विंटल वृद्धि की सिफारिश की है।
दिसंबर महीने में इस साल औसत तापमान रिकॉर्ड 22-23 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर पहुंच गया। इसके कारण लगातार दूसरे साल गेहूं का उत्पादन घट सकता है।
2014 में सूखे जैसी स्थिति की मार झेलने वाले किसानों को इस साल फरवरी-अप्रैल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते 100 लाख टन रबी फसलों का नुकसान हुआ।
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