पंजाब सरकार ने फसल विविधीकरण के लिए 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव रखा है। साथ ही फसल बीमा योजना भी जल्द शुरू की जाएगी।
राज्य सरकार औद्योगिक नीति के रोल आउट के माध्यम से 5 लाख करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने पर विचार कर रही है। निवेशकों को लुभाने के लिए औद्योगिक उपभोक्ताओं को बिजली की कम दरों पर जोर दे रही है।
बजरी की एमआरपी 20 रुपये प्रति घन फीट तय की गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को नौ रुपये प्रति घन फुट की दर से बालू मिले इसके लिए खनन विभाग के अधिकारियों को खनन स्थलों पर तैनात किया जाएगा।
इस महंगाई के दौर में भी ऐसे 5 बैंक हैं जहां ग्राहकों को मिल रहा सबसे सस्ता होम लोन। आपके EMI का बोझ भी कम होगा।
पार्टी के दफ्तर और मुख्यमंत्री पद के दावेदार भगवंत मान के घर पर जश्न की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।
पेट्रोल के दाम में सबसे ज्यादा कटौती किस राज्य में की गई और कहां डीजल के दाम सबसे ज्यादा कम किए गए है इसके बारे में हम आपको इस खबर में जानकारी देंगे।
चन्नी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भूमि मालिक आमतौर पर राज्य के स्वामित्व वाले विकास प्राधिकरणों द्वारा आवासीय कॉलोनियों की स्थापना के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे में वृद्धि के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाते हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ईंधन पर वैट घटाने का फैसला किया गया। चन्नी ने कहा, ‘‘हम आधी रात से पेट्रोल की कीमत में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में पांच रुपये प्रति लीटर तक की कमी कर रहे हैं।’’
अब पंजाब में 100 यूनिट तक सिर्फ 1.19 रुपए प्रति यूनिट कीमत वसूली जाएगी। 101 से 300 यूनिट तक नई दर 4 रुपए प्रति यूनिट घोषित की गई है जो पहले 7 रुपए थी।
पीएनबी की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां मामूली रूप से बढ़कर 13.63 प्रतिशत हो गईं। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 13.43 प्रतिशत थी।
Bajaj Finserv, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचएसबीसी, यस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी फेस्टिव सीजन में अपने होम लोन की दरों में कटौती कर चुके हैं।
पंजाब में बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य के स्वामित्व वाली पीएसपीसीएल ने रविवार को कहा कि राज्य में 13 अक्टूबर तक रोजाना तीन घंटे तक बिजली कटौती की जाएगी।
इससे पहले केंद्र ने भारी बारिश की वजह से धान की खरीद को 11 अक्टूबर तक टाल दिया था। दोनों राज्यों के किसानों ने इसका पुरजोर विरोध किया था।
मंत्रालय ने कहा कि धान के नमूने - पंजाब और हरियाणा में सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा जांचे गए।
उत्तर भारत में पराली जलाना लंबे समय से वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने पिछले चार वर्षों में इस मुद्दे को हल करने के लिए 2,245.17 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
राज्य सरकार की इस पहल से उसके खजाने पर 1,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। एक सरकारी बयान के अनुसार, ‘‘इस के साथ राज्य के प्रति कर्मचारी वेतन/पेंशन में कुल औसत वृद्धि 1.05 लाख रुपये सालाना तक होगी।’’
किसान गन्ना के राज्य परामर्श मूल्य में वृद्धि की मांग कर रहे थे। वे पहले ही पंजाब सरकार द्वारा घोषित प्रति क्विंटल पर 15 रुपये की वृद्धि ठुकरा चुके थे।
राज्य सरकार ने इससे पहले कर्जमाफी योजना के तहत 5.85 लाख छोटे और सीमांत किसानों के लिए 4,700 करोड़ रुपये को माफ कर दिया था।
पंजाब सरकार ने करीब 8.5 लाख किसानों और उनके परिवारों को साल 2021-22 के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में लाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री ने इस फैसले को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए वित्त और सहकारी विभाग को जल्द प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
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