देश के 2 बड़े चना उत्पादक राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने रिकॉर्डतोड़ चने की खरीद की है। सरकारी एजेंसी नैफेड के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 6 जून तक एजेंसी ने देशभर में कुल मिलाकर 22,58,654 टन चने की खरीद की है। देश में कभी भी चने की इतनी ज्यादा सरकारी खरीद नहीं हुई है
देश में दलहनों के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण वित्त वर्ष 2017-18 में दलहनों-दालों का आयात लगभग दस लाख टन घट गया, जिससे देश को 9,775 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा को बचाने में मदद मिली है।
सरकार ने अब दले या धुले हुए उड़द और मूंग के आयात पर भी अंकुश लगाया है। शुक्रवार को विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक उड़द और मूंग का दली हुई अवस्था या किसी दूसरी अवस्था में आयात को लेकर अंकुश रहेगा
देश के चना किसानों को आयातित दलहन की मार से बचाने के लिए सरकार ने देश में सबसे ज्यादा आयात होने वाले दलहन पीले मटर के आयात पर अंकुश लगा दिया है। बुधवार को इस सिलसिले में विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के मुताबिक 3 महीने के लिए देश में पीले मटर के आयात पर अंकुश रहेगा
चालू रबी सीजन में जहां गेहूं और तिलहनों की बुआई में देश के किसानों ने थोड़ी उदासीनता दिखाई है वहीं दलहन की खेती के प्रति उनकी दिलचस्पी काफी रही है।
हफ्ताभर पहले दिल्ली में चने का भाव 4,600-4,900 रुपए प्रति क्विंटल था जो अब घटकर 4,200-4,500 रुपए तक आ गया है
सामान्य तौर पर पूरे रबी सीजन के दौरान देश में 623.53 लाख हेक्टेयर की खेती होती है और इस बार पहली दिसंबर तक 389.83 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी है
राजस्थान मूंग का सबसे बड़ा उत्पादक है, राधामोहन सिंह के मुताबिक वहां पर किसानों से समर्थन मूल्य पर 1.24 लाख टन अतीरिक्त मूंग खरीदने की मंजूरी दे दी गई है
सितंबर में तुअर, उड़द और मूंग का निर्यात आंशिक तौर पर खोला था लेकिन जब इससे भी दलहन की कीमतों में उठाव नहीं हुआ तो अब निर्यात की सारी पाबंदियां खत्म कर दी
आयात शुल्क से गेहूं और दलहन की कीमतों में इजाफा हो सकता है। आटा, सूजी, मैदा और सभी दालों की कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका बढ़ी है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार सरकार के द्वारा रबी दलहन और तिलहन फसलों का जो एमएसपी घोषित किया गया है उसमें 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल की बोनस राशि भी शामिल है।
कुछ तिलहन और दलहन कीमतों में गिरावट को लेकर चिंतित एक मंत्री समूह ने सूरजमुखी तेल, मूंगफली तेल और पीली दाल के आयात का विनियमन करने पर विचार-विमर्श किया।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि खरीफ सत्र में दलहन उत्पादन में करीब 7 लाख टन की जो कमी आई है उसकी भरपाई रबी सत्र की दलहन पैदावार से की जा सकती है।
सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर (WPI) घट कर 2.60 फीसदी के स्तर पर आ गई जो अगस्त में चार महीने के शीर्ष स्तर 3.24 फीसदी पर पहुंच गई थी।
केंद्र सरकार पांच राज्यों तथा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम जैसी केंद्रीय कल्याणकारी योजनाओं के लिए सस्ती दर पर तत्काल करीब 5.5 लाख टन दाल उपलब्ध कराएगी।
देश में महंगाई के फिर से बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है क्योंकि खाद्यान्न उत्पादन चालू खरीफ सत्र में 35 लाख टन घटकर 13.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
सरकार ने कहा है कि उसने घरेलू कीमतों में सुधार लाने के मकसद से तुअर, उड़द और मूंग दाल के निर्यात पर लगभग एक दशक पुराने प्रतिबंध को हटा दिया है।
सरकार ने तुअर के बाद अब उड़द और मूंग का आयात प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया है। सोमवार को DGFT की तरफ से इसको लेकर अधिसूचना जारी की जा चुकी है
28 जुलाई तक देशभर में कुल 791.34 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल लगाई जा चुकी है जो औसत के मुकाबले करीब 38 लाख हेक्टेयर आगे है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ सत्र में अभी तक धान की बुवाई का रकबा 4.5 प्रतिशत बढ़कर 126 लाख हेक्टेयर हो गया है।
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