केंद्र सरकार ने अपने कार्यकाल के साढ़े तीन वर्ष के दौरान पीएम मोदी और उनकी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापनों पर लगभग 3,755 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
NPA के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद एक प्रमुख संसदीय समिति ने बैंक लोन नहीं चुकाने वाले का नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्मिंदा किए जाने का पक्ष लिया है।
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