केंद्र सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों (पीएसबी) को मिलाकर चार बैंक बनाने की घोषणा की है। इसमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में मिला दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने 1971 के बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद से सबसे बड़ी बैंकिंग सुधार की घोषणा की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुनाफे में सुधार हुआ है। बैंक का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2019 अंत में 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया।
देश के सबसे बड़े ऑनलाइन लेंडिंग प्लेटफॉर्म को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2018 में लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य एमएसएमई के लिए ऋण और बैंकिंग को पारदर्शी और बाधा रहित बनाना है।
अक्टूबर 2018 से मार्च 2019 के बीच की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 450 वरिष्ठ प्रबंधकों की एक सूची से ऐसे 75 अधिकारियों को छांटा गया है,
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सरकार कॉरपोरेशन बैंक में 9,086 करोड़ रुपए और इलाहाबाद बैंक में 6,896 करोड़ रुपए की पूंजी डालेगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक सृजित करने के लिए पिछले महीने तीन बैंकों के विलय को मंजूरी दी थी।
सरकार की हिस्सेदारी कम करने से बैंकों को बाजार नियामक सेबी के नियमों को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने गैर-निष्पादित कर्जों (एनपीए) की वसूली की दिशा में तेजी से कार्रवाई की और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) भी बनाई।
सरकार की विभिन्न मुहिमों का असर दिखने लगा है और इनके कारण सार्वजनिक बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 23 हजार करोड़ रुपए से अधिक की कमी आई है।
सरकार इस माह के अंत तक रिकैपिटालाइजेशन बांड के जरिये सात सरकारी बैंकों में 28,615 करोड़ रुपए की पूंजी का निवेश करेगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के बचे हुए 3 महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 83,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालेगी।
केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से ऐसे बैंकों की पहचान करने के लिए कहा है, जिनका आपस में विलय किया जा सके।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) लागत के मोर्चे पर स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से करीब 70 विदेशी शाखाओं या कार्यालय को बंद करने या तर्कसंगत बनाने में लगे हैं
सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों और निजी क्षेत्र के तीन प्रमुख ने बीते वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान खाते में न्यूनतम राशि नहीं रख पाने को लेकर उपभोक्ताओं से 5,000 करोड़ रुपए वसूले हैं।
वित्त मंत्रालय ने आज पीएनबी, कॉरपोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक सहित 5 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 11,336 करोड़ रुपए की पूंजी निवेश को मंजूरी दे दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल एनपीए की स्थिति को लेकर धुंधली तस्वीर पेश की है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंकों की सकल गैर- निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) चालू वित्त वर्ष की समाप्ति तक बढ़कर 12.2 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्त वर्ष 2017-18 में 1.20 लाख करोड़ रुपए मूल्य के फंसे कर्जों (एनपीए) को बट्टे खाते में डाला है। यह राशि आलोच्य वित्त वर्ष में इन बैंकों को हुए कुल घाटे की तुलना में 140 प्रतिशत अधिक है।
वित्त वर्ष 2017-18 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों को हुए घाटे से सरकार का इन बैंकों में किया गया करीब 13 अरब डॉलर का पूंजी निवेश एक तरह से बेकार हो गया और चालू वित्त वर्ष में भी इस स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों ने वेतन बिल लागत में बढ़ोतरी को लेकर 30 मई से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी है। ये कर्मचारी इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) द्वारा दो प्रतिशत की ‘मामूली’ वृद्धि का विरोध कर रहे हैं।
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