ऐसी संपत्ति जिस पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा किया गया है, उसे अन्य स्रोतों से आय मान कर उस पर कर लागू होगा।
दिल्ली-NCR में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान इससे पिछली तिमाही के मुकाबले घर के दाम एक फीसदी तक घटे हैं। कमजोर मांग की वजह से मकान सस्ते हुए हैं।
रियल एस्टेट इंडस्ट्री और इस सेक्टर से जुड़े कंसल्टेंट्स ने रियल एस्टेट बिल का स्वागत किया है। बिल्डर ने कहा, इससे कारोबार के प्रति विश्वास बढ़ेगा।
घर खरीदार बिल्डर्स से ज्यादा स्मार्ट हैं, वह लंबी देरी के साथ ही कंस्ट्रक्शन की खराब क्वालिटी और कारपेट एरिया में होने वाले खेल को समझ चुके हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के दौरान स्टांप ड्यूटी में दो फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया है। इससे खरीदारों पर 1-2 लाख रुपए का भार पड़ेगा।
एनसीडीआरसी ने घर खरीदारों को बड़ी राहत और बिल्डर्स को बड़ा झटका दिया है। प्रोजेक्ट लेट होने पर बिल्डर्स को 2000 रुपए तक ग्राहकों को हर्जाना देना होगा।
अक्सर हम सोचते हैं कि होम लोन का प्रीपेमेंट कर कर्ज के इस जंजाल से बाहर निकल आएं। लेकिन कई बार ऐसा करना भी हमारे लिए भारी पड़ जाता है।
सालाना आधार पर बिक्री में 50 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। लेकिन इन सबके बावजूद प्रॉपर्टी की कीमतों में कोई कमी नहीं आई है।
आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में 1.25 फीसदी की कटौती और एफडीआई नियमों में ढील के साथ-साथ सभी के लिए घर और स्मार्ट सिटी योजना से रीयल्टी को बड़ी उम्मीद है।
सेंट्रल कैबिनेट ने राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों के अनुसार रियल एस्टेट विधेयक, 2015 को मंजूरी दे दी है। इसे अब संसद में पेश किया जाएगा।
घर खरीदने से पहले सभी लोगों को अपने बिल्डर्स से कुछ सवाल पूछना ही चाहिए। जिससे न सिर्फ अापका सपना बिना मुश्किल के पूरा होगा, वहीं आप धोखाधड़ी से भी बचेंगे।
विदेश में स्थित अपनी प्रॉपर्टी का खुलासा न करना बेहद जोखिम भरा हो जाएगा। 2017 से सरकार को सभी देशों से जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी।
नैचुरल डिजास्टर से मुकाबले के लिए बाजार में कई इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध हैं। जिनसे आप प्राकृतिक और मानवीय अापदा से सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
पिछले 10 सालों में रियल एस्टेट क्षेत्र में आकर्षित किए गए कुल 14 लाख करोड़ रुपए के निवेश में यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र का योगदान 50 फीसदी से ज्यादा है।
भारत के लोगों की विदेशों में खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। लंदन, न्यूयॉर्क, सिंगापुर और दुबई भारतीयों की पहली पसंद हैं।
जेएलएल इंडिया के मुताबिक चालू त्योहारी सीजन के दौरान घरों की बिक्री 15 से 20% बढ़ सकती है, जो कि पिछले साल से 10% कम है और Real Estate के लिए निराशाजनक है।
प्रॉपर्टी के कागजात और गाड़ी की आरसी एवं डीएल का खोना काफी परेशानियों का सबब बन जाता है। घर और व्हिकल के कागजात खो जाने के बाद भी दोबारा बनवाए जा सकते हैं।
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