बिल्डर के साथ फ्लैट बॉयर्स को भी इसका लाभ मिले। यमुना प्राधिकरण ने इसका भी रास्ता निकाल लिया है। यीडा की जिन बिल्डर परियोजना को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) और कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) जारी हो चुका है, उनके बॉयर्स 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजे की धनराशि प्राधिकरण में जमा कराकर रजिस्ट्री करा सकते हैं।
इंडिया फोर्ब्स ग्लोबल प्रॉपर्टीज ने 1200 एकड़ भूमि के विकास के लिए नवी मुंबई में ऑरेंज स्मार्ट सिटी के संयुक्त उद्यम के साथ समझौता किया है। इस परियोजना में 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये की 10 लाख करोड़ वर्ग फुट एरिया में प्रोजेक्ट बनेंगे।
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में घरों की बिक्री 2022 के 19,240 से 11 प्रतिशत बढ़कर 2023 में 21,364 इकाई हो गई। नए घरों की आपूर्ति 15,382 इकाई से 34 प्रतिशत बढ़कर 20,572 इकाई हो गई। दिल्ली-एनसीआर में गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद को शामिल किया गया है।
नवरात्रि में प्रॉपर्टी की मांग तेजी से बढ़ी है। दिल्ली-एनसीआर में इस बार महंगी प्रॉपर्टी की ज्यादा मांग देखने को मिल रही है। सबसे अधिक प्रीमियम प्रॉपर्टी की मांग गुरुग्राम में है। प्रॉपर्टी सेक्टर के जानकारों का कहना है कि बेहतर लाइफस्टाइल के चलते महंगी प्रॉपर्टी की मांग तेजी से बढ़ी है।
नवरात्रि की शुरुआत के साथ रियल एस्टेट मार्केट गुलजार हो गया है। डेवलपर्स एक से बढ़कर एक ऑफर्स दे रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी प्रॉपर्टी बुक करने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखकर अच्छी डील पा सकते हैं।
अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी और दिग्गज रियल एस्टेट एक्सपर्ट राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि त्योहारी सीजन शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में नवरात्र, दशहरा, दिवाली जैसे बड़े त्योहार हैं। इसमें घर खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। पूरे साल में घरों की कुल बिक्री में त्योहारी सीजन का योगदान करीब 25 फीसदी होता है। जिस तरह
मेट्रो सिटी के आसपास बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री होती है, जिसमें हजारों लोग काम करने आते हैं। ये प्रॉपर्टी की मांग हमेशा बढ़ाने का काम करते हैं।
भारत 2047 में जब आजादी के 100 साल पूरे करेगा, उस समय देश की अर्थव्यवस्था का आकार 33,000 अरब अमेरिकी डॉलर और 40,000 अरब अमेरिकी डॉलर के बीच हो सकता है।
प्रॉपर्टी ब्रोकर का कहना है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद समेत एनसीआर के आसपास के सभी प्रॉपर्टी लोकेशंस में प्रॉपर्टी की कीमत में बड़ी बढ़ोतरी हुई है।
रियल एस्टेट कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि कोविड-19 महामारी ने लोगों के काम करने, सीखने और जीने के तरीके को बदल दिया है, जिससे आवास की मांग में बदलाव आया है।
कोरोना महामारी के बाद घर के दाम में 15% से 20 फीसदी तक की तेजी आ गई है। दिल्ली-एनसीआर के कई सेक्टर में इससे ज्यादा भी तेजी दर्ज की गई है। कीमत में तेजी निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामान की कीमत में बड़ी बढ़ोतरी से हुई है।
सलाहकार कंपनी ने कहा कि धारणा में नरमी मुख्य रूप से कमजोर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य तथा रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव की वजह से आई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के आठ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर की तिमाही के दौरान घरों की बिक्री में सालाना आधार पर 57 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है। इस दौरान घरों की बिक्री का आंकड़ा घटकर 35,132 इकाई रह गया।
कुछ चुने हुए जगहों के प्रॉपर्टी मार्केट में भले ही तेजी लौटती दिख रही है, लेकिन देश भर में 3.3 लाख करोड़ रुपए के कुल 4.65 लाख रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स लटके पड़े हैं।
देश के सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 2013 और 2014 के स्तर से 2017 में4 0% गिर गई है। पिछले साल 2,02,800 आवास बेचे गए। इसका प्रमुख कारण दिल्ली-एनसीआर के आवासीय बाजार में तेज गिरावट होना रही।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में नौ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 44,755 इकाई रह गई।
देश के आठ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर में घरों की बिक्री में 35 प्रतिशत गिरावट आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, रियल एस्टेट में मांग सुस्त बनी हुई है।
रीमैक्स का मानना है कि प्रॉपर्टी मार्केट के रेगुलेशन के लिए RERA और नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था GST से इस क्षेत्र को बड़ा फायदा होगा।
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