पंजीकरण अधिनियम, 1908, (एक केंद्रीय कानून) के राज्य संशोधन विधेयक के अनुसार एक पंजीकरण अधिकारी किसी भी जाली दस्तावेज को पंजीकृत करने से इंकार कर सकता है।
लिस्टेड कंपनियों, विभिन्न वित्तीय संस्थाओं और डॉक्टर, वकील व आर्किटेक्ट सहित सभी पेशेवरों को 31 मई तक अपने बड़े लेनदेन की जानकारी देनी होगी।
लेटेस्ट न्यूज़