हालांकि, इस दौरान नोएडा में बिक्री में पांच प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह 1,123 इकाई से बढ़कर 1,177 इकाई हो गई।
मौजूदा आवंटित पूंजी का यदि पूरी तरह से इस्तेमाल होता है तो करीब 1.6 लाख इकाइयों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
देश के नौ प्रमुख शहरों में अप्रैल-जून (पहली तिमाही) में घरों की बिक्री छह प्रतिशत बढ़ी है, जबकि घरों की आपूर्ति में 11 प्रतिशत की कमी आई है।
देश के नौ प्रमुख शहरों में जुलाई से सितंबर की अवधि के दौरान घरों की बिक्री छह प्रतिशत बढ़कर 51,142 इकाई पर पहुंच गई।
कुछ चुने हुए जगहों के प्रॉपर्टी मार्केट में भले ही तेजी लौटती दिख रही है, लेकिन देश भर में 3.3 लाख करोड़ रुपए के कुल 4.65 लाख रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स लटके पड़े हैं।
रियल स्टेट शोध एवं विश्लेषण कंपनी प्रॉपइक्विटी के अनुसार घरों की मांग कम रहने की वजह से डेवलपर्स दाम घटा कर अपने गैर बिके मकानों की बिक्री बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
देश के आठ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर में घरों की बिक्री में 35 प्रतिशत गिरावट आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, रियल एस्टेट में मांग सुस्त बनी हुई है।
जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान देश के प्रमुख आठ शहरों में घरों की बिक्री मामूली 1 प्रतिशत घटी। इस दौरान कुल 28,131 यूनिट की बिक्री हुई।
बड़े नोटों को चलन से बाहर करने की वजह से अगले 6 से 12 महीने के भीतर देश के 42 प्रमुख शहरों में मकानों की कीमतों में 30 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।
देश के आठ प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 22 प्रतिशत घटकर 33,304 इकाई रह गई। प्रोपइक्विटी रिसर्च ने यह निष्कर्ष निकाला है।
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