सेबी ने पाया कि प्रमोटर कंपनी से धन की हेराफेरी में संलिप्त हैं। डेबॉक इंडस्ट्रीज (डीआईएल) के प्रमोटर सुनील कलोट और मुकेश मनवीर सिंह की पत्नी प्रियंका शर्मा को भी प्रतिभूति बाजार से बैन किया गया है।
बैंक अपना बकाया वसूलने के लिए अनिल अंबानी, वेणुगोपाल धूत, किशोर बियानी, कपिल और धीरज वाधवान जैसे कई हाई-प्रोफाइल नामों के साथ कानूनी लड़ाई में लगे हुए हैं।
भारत के राष्ट्रपति की हिस्सेदारी ‘शून्य’ हो चुकी है, हालांकि वह शून्य शेयरधारिता के साथ अभी भी कंपनी के प्रवर्तक हैं।
डीएलएफ के प्रमोटर्स का सिंगापुर के सरकारी फंड जीआईसी के साथ करीब 9,000 करोड़ रुपए का सौदा पूरा हो गया है। इस सौदे में उन्होंने कंपनी की किराया इकाई डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड (DCCDL) में अपनी 33.34 प्रतिशत हिस्सेदारी जीआईसी को बेच दी है।
रियल्टी क्षेत्र की डीएलएफ के निदेशक मंडल ने कंपनी में 11,250 करोड़ रुपए की पूंजी डालने के मद्देनजर प्रवर्तकों को डिबेंचर और वारंट जारी करने की अनुमति दी है
IBBI कर्जदाताओं को वैसे प्रमोटर्स और हाई प्रोफाइल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत दे सकता है जो लोन डिफॉल्टर के पर्सनल गारंटर बने थे।
बाजार नियामक सेबी विभिन्न सूचीबद्ध कंपनियों और उनके प्रवर्तकों द्वारा फंड की कथित हेराफेरी और कंपनी संचालन में खामी की जांच करेगा।
आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (IPO) के माध्यम से भारतीय कंपनियों ने इस साल अब तक रिकॉर्ड 57,000 करोड़ रुपए का फंड जुटाया है।
आईटी कंपनी इंफोसिस की 36वीं सालाना आम बैठक शनिवार को बेंगलुरु में आयोजित की गई। इस बैठक में कई चीजों पर विस्तार से चर्चा की गई।
रेमंड लिमिटेड की सलाहकार कंपनी IiAS का कहना है कि मुंबई स्थित जेके हाउस को उसके रिश्तेदारों को बेचने से कंपनी को 650 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
ग्रेनुअल्स, KPIT टेक, जेबीएफ इंडस्ट्रीज, एडवांस एन्जाइम, सिंटेक्स इंडस्ट्रीज, रिलायंस कॉम्युनिकेशंस के प्रमोटर्स की गिरवी हिस्सेदारी 50 फीसदी तक बढ़ गई है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2600 करोड़ रुपए के बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में मुंबई की एक कंपनी के डायरेक्टर और प्रमोटर को गिरफ्तार किया है।
हीरो मोटोकॉर्प के प्रमोटर्स में से एक बहादुर चंद इंवेस्टमेंट्स ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 4.45 प्रतिशत और बढ़ा दी है।
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