नागर विमानन सचिव ने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत 3,000 और ड्रोन खरीदने के लिए निविदाएं तैयार हैं। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को कृषि ड्रोन प्रदान करना है और 15,000 ड्रोन महिलाओं के नेतृत्व वाले एसएचजी को दिए जाएंगे।
समयसीमा खत्म होने के बाद कोई भी एप्लीकेशन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। योजना के गाइडलाइन में कहा गया है कि आवेदक सिर्फ योजना की बाकी अवधि के लिए ही प्रोत्साहन पाने के हकदार होंगे।
कपड़ा मंत्री ने उद्योग को वैश्विक ब्रांड का आपूर्तिकर्ता बनने के बजाय अपने खुद के ब्रांड स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने हरित वस्त्र और पुनर्चक्रण पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह भी दी।
पीएलआई का लाभ प्राप्त कर चुकी कंपनियों की ओर से दिसंबर 2023 तक 1.07 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जा चुके हैं। इनसे 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक की ब्रिकी हुई है और 7 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
सरकार द्वारा अब तक 14 सेक्टरों के लिए पीएलआई स्कीम शुरू की जा चुकी है। इसमें मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और विशेष इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स, एपीआई और ऑटोमोबाइल और अन्य सेक्टर शामिल है।
वर्ष के दौरान दलहनों का उत्पादन बढ़ा है। तुअर का उत्पादन 33.85 लाख टन अनुमानित है, जो 2022-23 में 33.12 लाख टन की तुलना में 0.73 लाख टन अधिक है।
एक अधिकारी के मुताबिक सरकार इस पर गौर कर रही है और उन क्षेत्रों के लिए योजना में बदलाव पर विचार कर सकती है जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।
भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है। 2022 में भारत में ऑटोमोबाइल की बिक्री का आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ा। इस अवधि में यह जापान से आगे निकल गया, जिससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया है।
इस रिपोर्ट की खास बात यह है कि 27 प्रतिशत खरीदारों को यह पता ही नहीं होता है कि वे नकली उत्पाद खरीद रहे हैं। वहीं 31 प्रतिशत लोग जानबूझकर नकली उत्पादों को खरीदते हैं। ऐसे में ये जान लेते हैं कि किस सेक्टर में कितने जाली प्रोडक्ट का खेल होता है।
सरकार ने ऑटोमोबाइल और वाहन कलपुर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, दवा समेत 14 क्षेत्रों के लिए इस योजना को मंजूरी दी हुई है।
PLI योजना के दायरे को कुछ इलेक्ट्रॉनिक घटकों, फार्मा और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर सरकार में चर्चा चल रही है।
मंत्री के मुताबिक सरकार हर तिमाही में पीएलआई की समीक्षा कर रही है। ऐसा न केवल सुधार के इरादे से, बल्कि इसे और बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है
महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन छह लाख टन से बढ़कर 8.91 लाख टन हो गया। कर्नाटक में उत्पादन 5.66 लाख टन से बढ़कर 7.62 लाख टन पर पहुंच गया
कपास का पिछले सत्र का बचा हुआ स्टॉक 30 सितंबर को सत्र के अंत में 62.13 लाख गांठ रहने का अनुमान है। अनुमान है कि कपास सत्र 2021-22 का निर्यात 48 लाख गांठ रहेगा
फरवरी में दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए पीएलआई योजना को पांच वर्षों में 12,195 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अधिसूचित किया था
यह तीसरा महीना है जब कोर सेक्टर के उद्योगों में वृद्धि दर्ज की गयी है। कोयला, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, इस्पात, सीमेंट और बिजली का उत्पादन बढ़ा है।
प्राकृतिक गैस का उत्पादन अगस्त में 20 प्रतिशत बढ़कर 2.9 अरब घन मीटर रहा। वहीं जून के महीने में खनिजों का उत्पादन 23 प्रतिशत बढ़ा है।
तूफान के असर से गल्फ ऑफ मैक्सिको से होने वाले उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा अभी भी बंद है जो कि करीब 14 लाख बैरल प्रतिदिन है ।
एमएंडएम ने कहा कि ट्रैक्टर ऑपरेशन, एक्सपोर्ट, ट्रक और बस बिजनेस एवं थ्री-व्हीलर प्रोडक्शन पर इसका कोई असर नहीं होगा।
देश के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादक ओएनजीसी ने जुलाई के दौरान 16 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। ये पिछले साल के मुकाबले 4 प्रतिशत कम है
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