सीतारमण ने बताया कि लगभग 8 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारक सरकार से विभिन्न योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्राप्त कर रहे हैं।
SBI का कहना है कि अप्रैल 2017 में सहयोगी बैंकों का SBI में विलय होने के बाद सहयोगी बैंकों के बचत खातों की संख्या भी इसमें शामिल हो गई। ग्राहकों के खाते SBI के साथ-साथ सहयोगी बैंकों में होने की वजह से बंद हुए बचत खातों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है।
ग्राणीण क्षेत्रों में जनधन खातों की उपलब्धता बढ़ने की वजह से लोगों के व्यवहार में में बदलाव आया है और लोग खर्च करन के मुकाबले बचत पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं
वित्त मंत्री ने कहा कि 3 साल पहले कुल जनधन खातों में से करीब 77 फीसदी जीरो बैलेंस थे लेकिन अब सिर्फ 20 फीसदी ही जीरो बैलेंस बचे हैं।
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