महंगाई को देखते हुए भविष्य में बच्चों के भविष्य के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत होगी। ऐसे में अगर शुरुआत से ही सही स्ट्रैटेजी के साथ निवेश की शुरुआत कर दी जाए तो आगे राह आसान हो जाएगा। मार्केट में बच्चों के हिसाब से निवेश के कई ऑप्शन मौजूद हैं।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में मिनिमम 1000 रुपये से भी निवेश की शुरुआत की जा सकती है। आप 1000 के मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं।
पीपीएफ खाते की अवधि 15 वर्ष होती है, जिसे पांच वर्षों के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। न्यूनतम जमा राशि 500 रुपये प्रति वर्ष है, और अधिकतम 1.5 लाख रुपये है।
पीपीएफ में आपको हर साल पैसा जमा कराना होता है। पीपीएफ खाते में अगर आपने एक साल में कम से कम 500 रुपये भी जमा नहीं किए तो आपका खाता बंद कर दिया जाता है। देशभर के तमाम बैंक और डाकघरों में पीपीएफ खाता खोला जाता है।
पीपीएफ में आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ में आंशिक निकासी 7 साल बाद कर सकते हैं, जबकि वीपीएफ में आंशिक निकाली 5वें साल कर सकते हैं।
अनियमित सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) अकाउंट, सुकन्या समृद्धि योजना और डाकघरों के जरिये चल रही दूसरी छोटी बचत योजनाओं के नियमितीकरण के लिए नए नियम 1 अक्टूबर, 2024 से लागू हो रहे हैं।
देश के छोटे निवेशकों के लिए बड़ी खबर है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने पीपीएफ को लेकर नए नियम जारी किए हैं।
नियमों के मुताबिक, पीपीएफ में अकाउंट होल्डर को साल में कम से कम 500 रुपये जरूर डिपोजिट करना चाहिए। जब कस्टमर यह मिनिमम अमाउंट भी उस साल जमा नहीं किया जाता है तो पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव कैटेगरी में शामिल कर लिया जाता है।
पीपीएफ अकाउंट बैंक या पोस्ट ऑफिस में से कही एक जगह ही खोला जा सकता है। पीपीएफ दरअसल, भारत सरकार की एक बचत स्कीम है। पीपीएफ खाता खोलने का एक और फायदा यह है कि इससे व्यक्ति अपने खाते की बैलेंस राशि पर लोन ले सकता है।
पोस्ट ऑफिस पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम यानी पीपीएफ पर 7.10 फीसदी की दर से अभी इंट्रेस्ट मिल रहा है। पीपीएफ में आप एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
नए वित्त वर्ष शुरू होने से पहले मोदी सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ समेत स्मॉल सेविंग्स स्कीम में निवेश करने वालों के लिए बड़ा ऐलान किया है।
कोई भी भारतीय पीपीएफ में निवेश कर सकता है। वहीं, केवल वेतनभोगी कर्मचारी जिनके पास कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाता है और नियमित रूप से ईपीएफ में योगदान करते हैं, वे वीपीएफ में पैसा लगा सकते हैं।
Income Tax Savings Options: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), एंप्लाईज प्रॉविडेंट फंड (EPF) और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में निवेश करके आप आसानी से टैक्स बचा सकते हैं। इसमें रिटर्न भी टैक्स फ्री होता है।
PPF Interest Rate: पीपीएफ की ब्याज दरों में सरकार द्वारा कोई बदलाव नहीं किया गया है। मौजूदा समय में पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 प्रतिशत है।
Small Savings Schemes के लिए ब्याज दरों का ऐलान वित्त मंत्रालय द्वारा किया गया है। इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
जब पीपीएफ या ईएलएसएस दोनों ही निवेश विकल्पों में फायदे और नुकसान हैं, इसलिए आप वह विकल्प चुन सकते हैं जो आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुकूल हो। अपनी वित्तीय ज़रूरतों का मूल्यांकन करें और उसके अनुसार सोच-समझकर निर्णय लें।
अगर आप आज से ही बचत की शुरुआत कर देती हैं तो कल आप अपनी जिम्मेदारियों और जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकेंगी। जानकारों का मानना है कि सेविंग जितनी जल्दी शुरू कर दी जाए उतना अच्छा।
कुछ निवेश विकल्प ऐसे हैं जो आपको टैक्स फ्री रिटर्न भी देते हैं और इनकम टैक्स छूट भी दिलाते हैं। ऐसे निवेश विकल्पों में पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना और इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम आदि शामिल हैं।
आप पीपीएफ अकाउंट में न्यूनतम ₹500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपये एक वित्त वर्ष में निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ खाते में 15 साल के लिए निवेश होता है, जिसे पांच साल के ब्लॉक द्वारा बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान पीपीएफ ब्याज दर 7.1% (वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही) है।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि पीपीएफ पर ब्याज दर अप्रैल 2020 से संशोधित नहीं की गई है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का इंतजार खत्म होगा।
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