मई, 2021 तक 45 दिन की मियाद या ग्रेस की अवधि के बाद भी डिस्कॉम पर कुल बकाया राशि 68,762 करोड़ रुपये थी। यह एक साल पहले 84,691 करोड़ रुपये थी।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने 16-17 जुलाई की रात को लगातार प्रदेश में अब तक की सर्वाधिक 25032 मेगावाट बिजली आपूर्ति का रिकॉर्ड बनाया है। इसे लेकर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा कार्मिकों की सराहना की है।
उत्तर प्रदेश में एनटीपीसी सिंगरौली यूनिट 4 (200 मेगावाट) ने 102.08 फीसदी पीएलएफ हासिल किया, जो अप्रैल से जून 2021 तक देश में सबसे अधिक है।
देश में बिजली खपत जुलाई के पहले सप्ताह में पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले करीब 18 प्रतिशत बढ़कर 30.33 अरब यूनिट रही और कोविड-19 से पहले के स्तर पर पहुंच गई।
आंकड़ों के अनुसार सात जुलाई, 2021 को देश में बिजली की खपत 450.8 करोड़ यूनिट दर्ज की गई, जो कि अब तक सबसे अधिक दैनिक बिजली खपत है।
मंगलवार को दिन के 11.43 बजे बिजली की अखिल भारतीय मांग अब तक सर्वोच्च स्तर 1,97,060 मेगावाट पहुंच गयी। सरकार ने मांग के 2,00,000 मेगावाट पहुंचने का अनुमान दिया है
नए आंकड़ों के अनुसार 30 जून, 2021 को देश में बिजली की खपत 438.4 करोड़ यूनिट (एमयू) दर्ज की गई, जो कि अब तक सबसे अधिक दैनिक बिजली खपत है।
सार्वजनिक क्षेत्र की पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि.(पीजीसीआईएल) ने देश की पहली वोल्टेज सोर्स कन्वर्टर (वीएससी) आधारित हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) ट्रांसमिशन प्रणाली चालू की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रदेश की उच्चस्तरीय टीम 9 के बैठक में अधिकारियों से साफ कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम अभी नहीं बढ़ेंगे।
एआईपीईएफ ने मांग की है कि बिजली क्षेत्र में काम करने वाले इंजीनिरों और कर्मचारियो को महामारी के दौरान अग्रिम पंक्ति का कामगार माना जाना चाहिए।
फ्रांस की ऊर्जा कंपनी ईडीएफ ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के लिए महाराष्ट्र के जैतापुर में छह दबाव वाले वाटर रिएक्टर बनाने के लिए बाध्यकारी तकनीकी-वाणिज्यिक पेशकश जमा की है।
केंद्र सरकार ने मई 2020 में डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये के नकदी पैकेज की घोषणा की थी, जिसके तहत उन्हें पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और आरईसी लिमिटेड से किफायती दरों पर ऋण मिलेगा।
अप्रैल के पहले पखवाड़े के दौरान व्यस्त समय की बिजली की मांग पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 38 प्रतिशत बढ़कर 182.55 गीगावॉट के उच्चस्तर पर पहुंच गई।
पिछले साल अप्रैल में बिजली की मांग 2019 के समान महीने के 110.11 अरब यूनिट की तुलना में घटकर 84.55 अरब यूनिट पर आ गई थी। इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस की वजह से मार्च के आखिरी सप्ताह में लगाया गया लॉकडाउन था।
देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में पुलिस प्रतिष्ठानों में लगे 128 सौर बिजली संयंत्र 2014 से काम नहीं कर रहे हैं। इसका कारण कार्य अनुबंध कर भुगतान मामले का निपटान नहीं होना है।
इस सौदे के बाद अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड का नेटवर्क बढ़कर 17,200 सर्किट किलोमीटर तक पहुंच जाएगा, जिसमें से 12,350 सर्किट किलोमीटर पहले से ही चालू है और 4,850 सर्किट किलोमीटर (इस संपत्ति सहित) निष्पादन के विभिन्न चरणों में है।
कंपनियों ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक उनके राजस्व की कुल कमी बढ़कर 50 हजार करोड़ रुपये के पार चली गयी। इसमें बीआरपीएल के 28,623 करोड़ रुपये, बीवाईपीएल के 19,213 करोड़ रुपये और टीपीडीडीएल के 3,810 करोड़ रुपये शामिल हैं।
बीते साल एक से 12 मार्च की अवधि में बिजली की खपत 40.92 अरब यूनिट थी। बिजली की मांग और उपभोग में बढ़ोतरी से संकेत मिलता है कि महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बाद अब अर्थव्यवस्था पूरी तरह उबर चुकी है।
फरवरी 2021 में दिन में सबसे ज्यादा बिजली की मांग 6.7 प्रतिशत बढ़कर 188.15 गीगावाट तक पहुंच गई। यह मांग एक साल पहले फरवरी में 176.38 गीगावाट रही थी।
कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि एलएण्डटी के ‘पावर ट्रांसमिशन एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन (पीटी एण्ड डी) कारोबार को गुजरात में 400 मेगावाट से अधिक की सौर फोटोवोल्टिक परियोजनाओं की स्थापना के लिये इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) के दो आर्डर प्राप्त हुये हैं।
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