इस वर्ष बिजली की सर्वाधिक मांग अप्रैल में 229 गीगावॉट रह सकती है। मंत्री ने सभी हितधारकों से बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कदम उठाने को भी कहा है।
पिछले साल की पहल तिमाही में देश में गंभीर कोयला संकट पैदा हो गया था। देश के विभिन्न हिस्सों में कोयला परिवहन को लेकर गंभीर समस्याएं पैदा हुई थी। यहां पता चला कि सिर्फ रेल पर निर्भर रहते हुए कोयला पहुंचाने में कई समस्या हैं।
Honda XRE 300 बाइक में कई फीचर्स मौजूद है। खास बात ये है कि ये पेट्रोल के साथ साथ इथेनॉल से चल सकता है। Honda XRE 300 में बाइक 291.6 cc सिंगल सिलेंडर, एयर-कूल्ड इंजन द्वारा पावर्ड होती है जो फ्लेक्स-फ्यूल पर चलने में सक्षम है।
सरकार इस समय घटती कमाई के साथ कई आर्थिक चुनौतियों से गुजर रही है। इस बीच केंद्र के लिए बिजली वितरण कंपनियों की ओर से काफी अच्छी खबर आई है। कंपनियों का बकाया घट गया है।
भारत को स्वच्छ उर्जा उपलब्ध कराने के लिए सरकार के तरफ से लगातार कोशिश की जा रही है। भारत के केंद्रीय विज्ञान और परमाणु ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार के दिन देश को एक बड़ी सौगात दी है।
बैकपैकर्स और लंबी दूरी की यात्रा करने वाले लोगों के लिए Ambrane कंपनी ने एक पावर बैंक लॉन्च किया है। यह एक मेड इन इंडिया प्रोडक्ट है। इस पावर बैंक की क्षमता 50000mAh है।
कोयले की कमी के कारण इस बार त्योहारों के दौरान बिजली संकट पैदा नहीं होगा। हम चालू वित्त वर्ष में अबतक 1.5 करोड़ टन का पहले ही उपयोग किया जा चुका है।
जून, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया पिछले महीने यानी मई, 2022 की तुलना में भी बढ़ा है। मई में यह 1,30,139 करोड़ रुपये था।
बिजली संयंत्र अपनी पूरी क्षमता पर परिचालन कर रहे हैं जिससे इस मांग को पूरा किया जा सके। सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कोयला आयात के ऑर्डर दिए हैं।
देश में बिजली की मांग में वृद्धि के बीच मांग-आपूर्ति में अंतर के साथ आने वाले समय में इसकी कमी बनी रह सकती है। इसका कारण पिछले कुछ साल से तापीय बिजली क्षमता में धीमी वृद्धि है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन आंकड़ों से स्पष्ट पता चलता है कि बिजली की मांग में तेजी आई है और कुछ ही दिनों में इसकी वजह से देश में बिजली संकट गहरा गया है।
बिजली कटौती इस समय राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। जम्मू-कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
देश के अधिकांश राज्यों में बिजली की मांग बढ़ गई है लेकिन कोयले से चलने वाले तापीय बिजली संयंत्रों को जरूरी मात्रा में कोयला नहीं मिल पा रहा है।
Ubon ने बिल्ट-इन केबलों के साथ पावर बैंक लॉन्च किया है। इसके साथ आपको अलग अलग फोन के लिए अलग केबल ले जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
फिलहाल बिजली संयंत्रों के पास 5 दिन का कोयला भंडार है जिसके इसी हफ्ते में बढ़कर 6 दिन का होने की उम्मीद है। बीते 1 हफ्ते से कोयले के भंडार 2 लाख टन प्रति दिन से बढ़ रहे हैं
आधिकारिक बयान में कहा गया कि नौ दिनों से कोयले के भंडार में वृद्धि के साथ, बिजली संयंत्रों के पास पांच दिनों का भंडार उपलब्ध है, जो एक हफ्ते में बढ़कर 6 दिन का हो जायेगा
अनुमान के अनुसार कार्बन उत्सर्जन घटाने के प्रयासों से भारत को वर्ष 2015 से 2030 के बीच 106 गीगावॉट से अधिक ऊर्जा बचाने में मदद मिलेगी और 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 1.1 अरब टन की कटौती होगी।
CEA के आंकड़ों के अनुसार 11 अक्टूबर को चार दिन से कम भंडार वाली परियोजनाओं की संख्या 69 थी। CEA 135 ताप बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार की स्थिति पर नजर रखता है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के ताजा आंकड़ों के अनुसार चार दिनों से कम कोयले वाले गैर-पिट हेड परियोजनाओं की संख्या 17 अक्टूबर को 61 थी, जबकि यह आंकड़ा 10 अक्टूबर को 70 और तीन अक्टूबर को 64 था।
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