बारिश के मौसम में बिजली संकट से परेशान आम लोगों के लिए राहत देने वाली खबर है। सरकारी कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिडेट (सीआईएल) ने 2018-19 की अप्रैल-जून तिमाही में पावर सेक्टर को 12.28 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की है।
रेलवे ने दादरी समेत देश के उत्तरी भागों में स्थित बिजलीघरों के लिए कोयला आपूर्ति बढ़ाने के वास्ते मालगाड़ी की उपलब्धता बढ़ाई है। उत्तर भारत के कुछ बिजलीघरों में कोयले का भंडार चिंताजनक स्तर पर पहुंचने के बीच रेलवे ने यह कार्य योजना तैयार की है।
देश में कोयले की कमी से निजी क्षेत्र की बिजली परियोजनाओं का प्लांट लोड फैक्टर (क्षमता उपयोग) प्रभावित हो रहा है। इससे इन गर्मियों में बिजली एक्सचेंजों में बिजली की हाजिर कीमत बढ़ सकती है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (RInfra) ने बुधवार को बताया कि उसे बांग्लादेश में दो प्रमुख इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) ठेके मिले हैं, जिनका मूल्य 5,000 करोड़ रुपए है।
कोयले से चलने वाले बिजली घरों में 10 प्रतिशत पराली के गठ्ठे का इस्तेमाल किया जाएगा। NTPC आने वाले दिनों में इसकी खरीद के लिए निविदा जारी करेगी।
बिजली घरों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने आज एक नई कोल सप्लाई पॉलिसी को मंजूरी दे दी।
दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल ने कर्नाटक में अपनी 60 लाख टन की इस्पात परियोजनाओं के लिए आवंटित जमीन पर सौर फार्म लगाने की योजना बनाई है।
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