बिजली कटौती इस समय राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। जम्मू-कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोई बिजली कटौती नहीं हुई और बिजली की अधिकतम मांग बुधवार के 4,382 मेगावाट से घटकर 4,160 मेगावाट पर आ गयी। केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
कोयला उत्पादन में वृद्धि और चीन के कार्बन नियंत्रण लक्ष्य के बीच कोई विरोधाभास नहीं है। चीन ने हमेशा अपने द्वारा तय किए गए लक्ष्यों का सम्मान किया है और हम उन्हें हासिल करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।
दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येन्द्र जैन ने आज कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ बिजली घरों में कोयला भंडार चिंताजनक स्थिति तक गिर गया है और ईंधन की स्थिति नहीं सुधरती है तो शहर में ‘ ब्लैक आउट ’ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इतिहास में पहली बार भारत ने यह दावा किया है कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान बिजली की कोई कमी नहीं होगी।
दिल्ली में बिजली गुल होने की बढ़ती घटनाओं के बीच दिल्ली सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों पर निशाना साधा। राज्य सरकार ने कहा कि कंपनियों को दंडित किया जाएगा।
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