बिजली की अधिकतम मांग पहले ही मई में 250 गीगावाट के लेवल पर पहुंच चुकी है। पिछले दो सालों में कुछ राज्यों में बिजली की मांग जिस तरह से बढ़ी है, उससे यह मांग 2031-32 तक 384 गीगावाट तक पहुंच जाएगी।
ही में विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि इन सेवाओं (ऊपर उल्लिखित) को प्रदान करने में किसी भी तरह की देरी से वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को मुआवजा दिया जाएगा।
केंद्र सरकार ने गर्मी में गैस आधारित सभी बिजली उत्पादन कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बिजली की कटौती न करनी पड़े।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने वोट हासिल करने के लिए मुफ्त बिजली देने की परंपरा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सेक्टर को कमजोर करता है और इससे बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है।
इस वर्ष बिजली की सर्वाधिक मांग अप्रैल में 229 गीगावॉट रह सकती है। मंत्री ने सभी हितधारकों से बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कदम उठाने को भी कहा है।
बिजली संयंत्र अपनी पूरी क्षमता पर परिचालन कर रहे हैं जिससे इस मांग को पूरा किया जा सके। सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कोयला आयात के ऑर्डर दिए हैं।
देश में बिजली की मांग में वृद्धि के बीच मांग-आपूर्ति में अंतर के साथ आने वाले समय में इसकी कमी बनी रह सकती है। इसका कारण पिछले कुछ साल से तापीय बिजली क्षमता में धीमी वृद्धि है।
बिजली कटौती इस समय राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। जम्मू-कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोई बिजली कटौती नहीं हुई और बिजली की अधिकतम मांग बुधवार के 4,382 मेगावाट से घटकर 4,160 मेगावाट पर आ गयी। केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
कोयला उत्पादन में वृद्धि और चीन के कार्बन नियंत्रण लक्ष्य के बीच कोई विरोधाभास नहीं है। चीन ने हमेशा अपने द्वारा तय किए गए लक्ष्यों का सम्मान किया है और हम उन्हें हासिल करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।
केरल की सरकार हालात पर पैनी नज़र बनाए हुए है। आम लोगों से अपील की गई है कि वे सोच समझकर बिजली खर्च करें नहीं तो भविष्य में संकट आ सकता है।
देश में इस वर्ष कोयला का हालांकि रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, लेकिन अत्यधिक वर्षा ने कोयला खदानों से बिजली उत्पादन इकाइयों तक ईंधन की आवाजाही को ख़ासा प्रभावित किया है।
पंजाब में बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य के स्वामित्व वाली पीएसपीसीएल ने रविवार को कहा कि राज्य में 13 अक्टूबर तक रोजाना तीन घंटे तक बिजली कटौती की जाएगी।
देश के कई इलाकों में अत्यधिक वर्षा के कारण कोयला की आवाजाही प्रभावित होने से दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों में बिजली संकट गहरा गया है।
पंजाब में ताप बिजली संयंत्रों में कोयले की भारी कमी के कारण बिजली कंपनी पीएसपीसीएल को उत्पादन में कटौती करनी पड़ी है और राज्य में कई स्थानों पर बारी-बारी से बिजली कटौती की जा रही है।
दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येन्द्र जैन ने आज कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ बिजली घरों में कोयला भंडार चिंताजनक स्थिति तक गिर गया है और ईंधन की स्थिति नहीं सुधरती है तो शहर में ‘ ब्लैक आउट ’ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ईईएसएल के थोक में खरीदे गए स्मार्ट मीटर को लगाने का काम उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों से शुरू कर हो चुका है और हरियाणा में भी जल्द ही यह काम शुरू किया जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी बकाए के भुगतान में देरी के कारण बीएसईएस यमुना पावर लि. (बीवाईपीएल) को बिजली सप्लाई रोकने के विकल्प पर विचार कर रही है।
इतिहास में पहली बार भारत ने यह दावा किया है कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान बिजली की कोई कमी नहीं होगी।
दिल्ली में बिजली गुल होने की बढ़ती घटनाओं के बीच दिल्ली सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों पर निशाना साधा। राज्य सरकार ने कहा कि कंपनियों को दंडित किया जाएगा।
लेटेस्ट न्यूज़