बुधवार को दोपहर 02.34 बजे एनटीपीसी के शेयर 3.70 रुपये (0.90%) की गिरावट के साथ 408.55 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे थे। मंगलवार को 412.25 रुपये के भाव पर बंद हुए कंपनी के शेयर आज बढ़त के साथ 415.85 रुपये के भाव पर खुले थे, जो इसका आज का इंट्राडे हाई भी है।
पिछले हफ्ते शुक्रवार को कंपनी के शेयर 46.35 रुपये के भाव पर बंद हुए थे। सोमवार, 30 सितंबर को रिलायंस पावर के शेयर गिरावट के साथ 46.25 रुपये के भाव पर खुले थे।
विशेषज्ञों ने कहा कि जनवरी में बिजली की खपत के साथ-साथ मांग में भी सुधार हुआ क्योंकि इस महीने विशेषरूप से उत्तर भारत में पारा तेजी से गिरा। शीत लहर के कारण हीटर, ब्लोअर और गीजर जैसे गर्मी प्रदान करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ गया, जिससे कुल बिजली की मांग बढ़ गई।
भारत को स्वच्छ उर्जा उपलब्ध कराने के लिए सरकार के तरफ से लगातार कोशिश की जा रही है। भारत के केंद्रीय विज्ञान और परमाणु ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार के दिन देश को एक बड़ी सौगात दी है।
जून, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया पिछले महीने यानी मई, 2022 की तुलना में भी बढ़ा है। मई में यह 1,30,139 करोड़ रुपये था।
कोयले की कमी के कारण बिजलीघरों की ऊर्जा उत्पादन की कुल क्षमता में कटौती 12 अक्टूबर को 11,000 मेगावॉट से कम होकर 13 अक्टूबर को 6,000 मेगावॉट पर आ गयी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोयले के चार दिन से कम भंडार वाले बिजली संयंत्रों की संख्या रविवार को बढ़कर 70 हो गई, जो एक सप्ताह पहले तीन अक्टूबर को 64 थी।
आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार, आठ अक्टूबर को बिजली की खपत 390 करोड़ यूनिट थी, जो इस महीने अब तक (1-9 अक्टूबर) सबसे ज्यादा थी। बिजली की मांग में तेजी देश में चल रहे कोयला संकट के बीच चिंता का विषय बन गई थी।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक,मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनियों का बिजली उत्पादक कंपनियों के बकाये में सबसे अधिक हिस्सा है।
बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया अक्टूबर, 2020 में सालाना आधार पर 29 प्रतिशत बढ़कर 1,38,187 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
बिजली उत्पादन कंपनियों का बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बकाया अगस्त 2020 में 37 प्रतिशत बढ़कर 1.33 लाख करोड़ रुपये हो गया
वितरण कंपनियों पर बिजली उत्पादकों का बकाया इस साल जून महीने के अंत में एक साल पहले की तुलना में 30 प्रतिशत से भी अधिक बढ़कर 46,412 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। बिजली मंत्रालय की प्राप्ति पोर्टल के अनुसार यह बकाया जून 2018 के अंत में 34,465 करोड़ रुपये था।
बड़ी संख्या में बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) एनटीपीसी की ओर से आपूर्ति की जा रही सस्ती बिजली का लाभ उठा रही हैं।
उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने वर्ष 2019-20 के लिए शहर से लेकर गांवों तक की घरेलू बिजली दरों में 20 से 25 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पेश किया है।
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