अमिताभ कांत ने कहा कि लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए देश को अगले तीन दशक तक सालाना 9-10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी।
अरुण जेटली ने कहा कि भारत में तेज गति से वृद्धि करने की क्षमता है। गरीबी कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में 70 प्रतिशत गरीबी को खत्म कर लिया गया है और उसकी प्रति व्यक्ति वार्षिक आय बढ़कर 8,000 डॉलर तक पहुंच गई।
अमीर हुए और अमीर। क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2016 के मुताबिक सिर्फ 1 फीसदी भारतीयों के पास देश की 58.4 फीसदी संपत्ति है।
World Bank की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में विश्व भर में गरीबी की रेखा से नीचे रहने वालों की सबसे अधिक संख्या भारत में थी।
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को 2032 तक 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और गरीबी समाप्त करने के लिए 10 फीसदी की दर से आर्थिक ग्रोथ की जरूरत है।
भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा गरीब रहते हैं, बावजूद इसके लोगों के पास कुल निजी संपत्ति के मामले में यह दुनिया के टॉप 10 सूची में दसवें स्थान पर है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) सतत विकास लक्ष्य (यूएन-एसडीजी) में साल 2030 तक दुनिया से गरीबी खत्म करने का संकल्प लिया है।
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