रिपोर्ट में कहा गया है कि वेज थाली में 11 प्रतिशत भारांश वाली दालों की कीमतों में इस महीने 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिसका कारण शुरुआती स्टॉक में कमी, स्टॉक पाइपलाइन में कमी और त्योहारी मांग का होना है।
उत्पादन में कमी के कारण दालों की कीमतों में पिछले साल की तुलना में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि ईंधन की कीमतों में इस साल की शुरुआत में कीमतों में कटौती के कारण 11 प्रतिशत की गिरावट आई है।
आरबीआई के रिसर्च पेपर में इस स्थिति में सुधार के लिए एग्रीकल्चरल मार्केटिंग सेक्टर में सुधार का सुझाव दिया गया है। इसमें किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत प्राप्त करने में मदद के लिए प्राइवेट मंडियों की संख्या बढ़ाने की बात शामिल है।
वेज थाली की लागत में 13 प्रतिशत का योगदान देने वाले चावल की कीमत में एक साल में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। उत्पादन कम रहने से वेज थाली में नौ प्रतिशत की हिस्सेदारी वाली दाल की कीमत साल-दर-साल 21 प्रतिशत बढ़ गई।
सरकार ने 30 जून, 2024 तक बिना किसी आयात लाइसेंस के भूटान से आलू के आयात की अनुमति दी है। वर्ष 2022-23 में ताजा या ठंडे आलू का आयात 10.2 लाख डॉलर का हुआ था।
मिर्च के भाव एक माह पहले 40 से 50 रुपये से बढ़कर अब 150 से 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।
प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश की वजह से फसल खराब हो गई है। इस वजह से कई प्रमुख महानगरों में टमाटर की खुदरा कीमत 72 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
कॉमर्स मिनिस्ट्री के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक ताजे या फ्रीज किये गये आलू को भूटान से बिना किसी लाइसेंस के 30 जून 2022 तक आयात किया जा सकता है।
रबी की अच्छी फसल की वजह से उत्पादक और उपभोक्ता दोनों क्षेत्रों में आलू के दाम 50 प्रतिशत घटकर 5-6 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गए हैं। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
उत्तर प्रदेश के संभल और गुजरात के दीशा में आलू का दाम तीन साल के औसत दाम से नीचे यानी छह रुपये प्रति किलो चल रहा है। एक साल पहले इसी अवधि में उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में आलू के दाम 8-9 रुपये प्रति किलोग्राम के निचले स्तर पर थे।
व्यापारियों ने कहा कि राज्य में आलू की कीमतों में ऐसा उछाल करीब एक दशक पहले देखने को मिला था।
भारत इस समय ईरान, मिस्र, तुर्की और हॉलैंड के साथ-साथ अफगानिस्तान से प्याज आयात कर रहा है।
आलू की आपूर्ति में सुधार के बारे में मंत्री ने कहा कि हम कीमतों को काबू में लाने के लिए करीब 10 लाख टन आलू का आयात करने जा रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ग्राहकों को त्योहारों के दौरान सब्जी सस्ते दाम पर मिले।
भूटान से बिना लाइसेंस आयात की छूट जनवरी 2021 तक रहेगी। सरकार के मुताबिक भूटान से अगले कुछ दिनों में 30,000 टन आलू देश में पहुंच जाएगा। वहीं आलू के खुदरा मूल्य पर लगाम लगाने के लिये कुल 10 लाख टन आलू का आयात किया जा रहा है।
इस चिप्स उत्पादन इकाई में 1,500 लोगो को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोज़गार मिलेगा। अगले वर्ष के मध्य तक इस इकाई में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में आलुओं की बंपर फसल हुई है, जो कि पिछले साल की फसल से लगभग दोगुनी है, इस साल 'संताना' का 50 किग्रा का एक बैग 1,200 से 1,300 रुपये की कीमत पर बिक रहा है, जबकि 2019 में इसकी कीमत 1,000 रुपये थी।
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि सरकार ने जरूरी वस्तु अधिनियम (Essential Commodity Act) में बदलाव किया है और दलहन, तेल तथा तिलहन, आलू और प्याज जैसी वस्तुओं को इस एक्ट से बाहर किया गया है
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक सोमवार को कोलकाता में टमाटर का खुदरा भाव 100 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया है। सितंबर के दौरान कोलकाता में टमाटर की कीमतों में 40 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है
इस समय पहाड़ी आलू का सीजन है, इसलिए यह ऊंचे भाव पर बिक रहा है, जबकि कोल्ड स्टोरेज से भी आलू की आवक कम हो रही है।
आलू में वायदा अनुबंध को दोबारा शुरू करने के लिए एमसीएक्स ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड से मंजूरी के लिए आवेदन किया है।
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