नोटबंदी की वजह से मकानों की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई और उनके दाम नीचे आए लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर को इसका काफी फायदा भी हुआ है।
नोटबंदी के बाद बैंक खातों में बड़ी राशि जमा करने वाली करीब एक लाख इकाइयों और व्यक्तियों को इनकम टैक्स विभाग नोटिस जारी करने की तैयारी में है।
आरबीआई ने कहा है कि नोटबंदी के दौरान देश में प्रचलन में रहे 15.44 लाख करोड़ रुपए के प्रतिबंधित नोट में से 15.28 लाख करोड़ रुपए प्रणाली में वापस लौट आए हैं।
नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स आधार में 33 लाख नए करदाताओं को जोड़ा गया है। संसद में मंगलवार को यह खुलासा खुद सरकार ने किया।
शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुए पुराने नोटों की अंतिम संख्या जानने के लिए अभी कुछ और इंतजार करना होगा।
मांग में तेजी आने पर जनवरी-मार्च तिमाही में देश के नौ बड़े शहरों में मकानों की बिक्री उसकी पिछली तिमाही की तुलना में 13 फीसदी बढ़कर 51,700 इकाई रही।
सरकार ने कंपनियों से नोटबंदी के बाद 30 दिसंबर तक की अवधि में चलन से हटाए गए नोटों में किए गए लेन-देन का पूरा ब्योरा देने को कहा है।
जाने-माने अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई ने कहा है कि उच्च राशि की मुद्रा को चलन से हटाने के फैसले का देश की इकॉनोमिक ग्रोथ पर प्रभाव कम ही रहा है।
चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में घरों की बिक्री 31 प्रतिशत घटी है, नए लॉन्च होने वाले प्रोजेक्ट्स में 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
Valentine Day के मौके पर अगर आपने अपनी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड को 20 हजार रुपए या उससे अधिक का कैश दिया तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे पूछताछ कर सकता है।
नोटबंदी के बाद यदि आपने किसी व्यक्ति या रिश्तेदार से 20,000 रुपए या इससे अधिक का कैश गिफ्ट या चंदा लिया है तो आप इनकम टैक्स विभाग की नजर में आ सकते हैं।
वित्त मंत्रालय ने पीएसी के समक्ष दावा किया कि नोटबंदी के बाद से जाली मुद्रा की तस्करी पूरी तरह रुक गई है और कर विभाग ने 515 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की।
इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स से नोटबंदी के बाद अपने खातों में जमा की गई राशि का ई-सत्यापन करने को कहा है। अंतर पाए जाने पर होगी पूछताछ।
नोटबंदी से लाखों करोड़ रुपए के राजकोषीय प्रॉफिट के दावों के बीच एक रिपोर्ट ने कहा कि सरकार को इससे 72,800 करोड़ रुपए का ही ‘प्रॉफिट’ होने की संभावना है।
प्रतिबंधित नोटों को बैंकों में जमा करने की समयसीमा के अंतिम 10 दिनों में नए खातों में जमा की गई राशि तथा कर्ज लौटाए जाने का विश्लेषण शुरू किया गया है।
देश की कई बड़ी सरकारी कंपनियों की नजर EPFO के फंड पर है। ईपीएफओ के पास बड़ी मात्रा में नकदी उपलब्ध है, ऐसे में इन कंपनियां को धन मिलने की उम्मीद है।
नोटबंदी के बाद 25,000 करोड़ रुपए का नकदी आधारित लेनदेन डिजिटल हो गया है। यानी इस तरह का लेनदेन अब डिजिटल माध्यमों से हुआ।
नोटबंदी के बाद 60 लाख से अधिक बैंक खातों में दो लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा की गई। 3-4 लाख करोड़ की टैक्स नेट से बाहर की राशि को जमा कराया गया है।
जनधन खातों में जमा धन नोटबंदी के 45 दिन में दोगुना होकर 87,000 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया है। कर विभाग ऐसी जमाओं के बारे में सूचनाएं जुटा रहा है।
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज कैलेंडर वर्ष के आखिरी कारोबारी दिन 260.31 अंक बढ़कर 26,626.46 अंक और निफ्टी 82.20 अंक चढ़कर 8,185.80 अंक पर बंद हुआ।
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