कुछ बेईमान लोग निवेशकों को धोखा देते हैं, क्योंकि वे अपना पैसा गैर-मौजूद कंपनियों या योजनाओं में लगाते हैं, ताकि वे इसे चुरा सकें। इस तरह की धोखाधड़ी को पोंजी स्कीम कहते हैं।
पीएसीएल पोंजी घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने 472 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
सरकार ने बिटॉइन और दूसरी आभाषीय करेंसी पर कहा था कि इनमें किया गया निवेश कानूनी तौर पर सुरक्षित नहीं है क्योंकि बिटकॉइन एक तरह की पॉन्जी स्कीम है
सरकार ने पोंजी स्कीम पर लगाम लगाने के इरादे से संशोधित विधेयक का मसौदा पेश किया है। इसमें दस साल तक जेल तथा 50 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
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