जिन पंजीकृत राजनीतिक दलों को पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में एक प्रतिशत या उससे अधिक वोट मिले हैं, वे ही चुनावी बॉन्ड से चंदा पाने के लिए पात्र हैं।
RTI से खुलासा हुआ है कि सियासी दलों को चंदा देने के लिये मार्च 2018 से मई 2019 के बीच कुल 5,851.41 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गये। इनमें से 80.6 प्रतिशत बॉन्ड सिर्फ नयी दिल्ली में भुनाये गये, जहां प्रमुख सियासी दलों के राष्ट्रीय मुख्यालय स्थित हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 में अपनी किस्मत आजमा रहे नेताओं की निवेश के लिए पहली पसंद बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम और टैक्स-फ्री बांड हैं।
अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने की कोशिश के तहत फेसबुक ने गुरुवार को विज्ञापनदाताओं के लिए कुछ चीजों को अनिवार्य करने की घोषणा की है।
राजनीतिक दलों को चंदा देने में इस्तेमाल होने वाले चुनावी बांड की छठी किस्त की बिक्री एक से 10 नवंबर के बीच होगी।
राजनीतिक दलों को नकद चंदे का एक व्यवस्थित रास्ता तय करने के लिए शुरू किए गए चुनावी बांड की बिक्री का चौथा दौर 2 जुलाई से 11 जुलाई तक चलेगा।
केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने गड़बड़ी करने वाली कंपनियों को कठोर चेतावनी देते हुए कहा कि निवेशकों के हितों की कीमत पर कंपनी को स्वायत्तता नहीं दी जा सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि मुखौटा कंपनियों की जांच से राजनीतिक दलों और व्यक्तियों के बारे में ‘कुछ बातें’ सामने आ सकती हैं।
पंजाब नैशनल बैंक (PNB) में 14000 करोड़ रुपए के घोटाले का मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी भी विजय माल्या की तरह लंदन पहुंच चुका है और माल्या की तरह लंदन में अपने लिए राजनीतिक शरण लेने का प्रयास कर रहा है।
दूसरे चरण के चुनावी बांड की बिक्री 2 अप्रैल से शुरू होकर 10 अप्रैल तक चलेगी। इस बांड की बिक्री भारतीय स्टेट बैंक की 11 अधिकृत शाखाओं के जरिये होगी।
राजनीतिक दलों को 1976 के बाद मिले विदेशी चंदे की अब जांच नहीं हो सकेगी। इस संबंध में कानून में संशोधन को लोकसभा ने बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया।
आयकर विभाग के मुताबिक किसी भी पंजीकृत ट्रस्ट को कैश में 2000 रुपए से अधिक का दान न दें। उलंघन करने पर जुर्माना हो सकता है
बांड के मुद्रण में उतनी की गोपनीयता बरती जाएगी जितनी की मुद्रा छपाई के मामले में अपनाई जाती है। वित्त मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि बांड की वैधता (मियाद) केवल 15 दिन होगी।
चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने और काले धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज नए इलेक्टोरल बांड (चुनावी बांड) की रूपरेखा जारी की।
सरकार द्वारा प्रस्तावित चुनावी बांड की वैध अवधि को 15 दिन रखा जा सकता है। कम अवधि के लिए जारी करने से बांड के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी।
किसानों की कर्ज माफी को लेकर तेज होती आवाज के बीच रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने कहा कि इस तरह के कदम अर्थव्यवस्था और ऋण संस्कृति के लिए ठीक नहीं हैं।
निजी क्षेत्र में आरक्षण की किसी भी पहल से देश के निवेश माहौल पर बुरा असर पड़ेगा। एसोचैम ने कहा है कि राजनीतिक दलों को ऐसा कोई भी कदम उठाने से बचना चाहिए।
जेटली ने कहा कि हमारी राजनीति में भ्रष्टाचार है तो यह राजनीतिक चंदे की व्यवस्था की वजह से है। चुनावी चंदे की कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं है।
रमेश अभिषेक ने कहा कि कुशल श्रम बल की उपलब्धता व टिकाउ सरकार जैसे कई मानकों पर भारत विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिहाज से समकक्ष देशों से आगे बना हुआ है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के सेविंग्स अकाउंट में 5,000 रुपए के मिनिमम बैलेंस पर बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि लोग इसे समझ नहीं पाए हैं।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत की आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों में नपेतुले हस्तक्षेप की परिपक्वता का अभाव है।
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