ज्यादातर जानकार मान रहे हैं कि RBI रेपो, रिवर्स रेपो और CRR में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगा, हालांकि महंगाई को लेकर रिजर्व बैंक की तरफ से चेतावनी जारी हो सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दो दिन की बैठक मंगलवार को मुंबई में शुरू हुई। हालांकि, माना जा रहा है कि गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली समिति नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगी।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने सोमवार को संकेत दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए नीतिगत ब्याज दर में कमी की गुंजाइश शायद कम ही हो क्योंकि वृद्धि दर बढ़ रही है और महंगाई भी बढ़ी है।
रेपो रेट को 6 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, इसी तरह रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी और बैंक रेट 6.25 फीसदी पर कायम रहेगी।
निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरावट मेटल सेक्टर की कंपनियों हिंडाल्को, वेदांत और टाटा स्टील में देखने को मिल रही है। RBI पॉलिसी से पहले ज्यादातर बैंक कंपनियों पर भी दबाव है
MPC की दो दिन की बैठक के नतीजे कल आएंगे। सभी अंशधारकों मसलन उद्योग और शेयर बाजारों की निगाह बैठक पर है।
विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ती महंगाई दर को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति अगली समीक्षा बैठक में नीतिगत दर को शायद ही कम करे।
रिजर्व बैंक की तरफ से पॉलिसी रेट्स में किसी तरह की कटौती होती है तो बैंकों पर भी होमलोन और कार लोन को सस्ता करने का दबाव बढ़ जाएगा
RBI की मौद्रिक नीति समिति की अक्टूबर में हुई बैठक की जानकारियों से पता चलता है कि दिसंबर की बैठक में भी नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
औद्योगिक मंडल फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि ये उद्योग जगत के अनुकूल नहीं हैं।
सरकार को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती करेगा।
RBI की तरफ से ब्याज दरों में कटौती होती है तो त्योहारी सीजन को देखते हुए बैंक, होम लोन और ऑटो लोन की दरों को घटाने में देर नहीं करेंगे
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्त वर्ष 2017-18 में बाकी बची अवधि के लिए नीतिगत दर को मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है।
RBI जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का आंकड़ा निराशाजनक रहने के बावजूद अक्टूबर में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है
नोमुरा के अनुसार, आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति में अगले 6 से 12 महीने में तेजी की संभावना है और इसके कारण रिजर्व बैंक नीतिगत दर को यथावत बनाये रख सकता है।
रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) ने ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं करने का फैसला किया। फिलहाल रेपो रेट 6.25 फीसदी पर है।
RBIने गुरुवार को 2017-18 के लिए क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया। इस पॉलिसी में RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने बुधवार को अपनी दो दिवसीय बैठक शुरू की। ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है।
RBI इस साल नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा, हालांकि, 2018 में दरों में बढ़ोतरी का जोखिम है। गोल्डमैन सैक्स ने यह अनुमान लगाया है।
विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के मुकाबले काफी नीचे होने के बावजूद RBI अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
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