इलाज और दवाइयों के बढ़ते खर्च को देखते हुए आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस होना बहुत जरूरी हो गया है। हेल्थ इंश्योरेंस आपको न सिर्फ इलाज और दवाइयों के ऊंचे खर्च से सुरक्षा देता है बल्कि टैक्स बेनिफिट्स भी देता है।
यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) को छोड़कर जीवन बीमा पॉलिसियों के संबंध में कर प्रावधान में बदलाव की घोषणा वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में की गयी थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर सभी जीएसटी-पंजीकृत खुदरा व्यापारियों के लिए एक बीमा योजना पर भी काम कर रहा है।
अभी तक हमें लोन क्रेडिट स्कोर को देखकर ही बैंक देता था, लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इससे जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया है। जिसके जरिये अब हम यूपीआई डिजिटल क्रेडिट लाइन के साथ आसानी से लोन पा सकेंगे और हमारी दौड़-धूप बचेगी।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय अधिकतर लोग नियम और शर्तें पढ़ना भूल जाते हैं। अगर आप भी अपने परिवार में किसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने वाले हैं तो इसमें सब लिमिट को चेक करना ना भूलें। यहां जानिए हेल्थ इंश्योरेंस में सब लिमिट क्या होता है और इसे चेक करना क्यों है जरूरी।
नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत में ही म्यूचल फंड में निवेश करने वाले लोगों को 4 नियमों का पालन करना जरूरी है। इससे उन्हें बेहतर रिटर्न और निवेश की सुरक्षा दोनों में मदद मिलेगी। अगर आप भी एक निवेशक हैं तो इन 4 नियमों को ना करें नजरअंदाज नहीं तो हो सकता है भारी नुकसान।
कोविड के बाद से हेल्थ के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है और ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लोगों के लिए अत्यधिक मददगार हैं। इसलिए आज हम आपके साथ विशेष रूप से मेटरनिटी प्लान इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने जा रहें हैं।
टर्म प्लान में किसी एक इंसान को कवर मिलता है, लेकिन ज्वॉइंट पॉलिसी में दोनों लोगों के कवर की सुविधा होती है। आइए आज आपको ज्वॉइंट पॉलिसी के बारे में विस्तार से बताते हैं।
उम्मीद के अनुरूप खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों को प्रति शेयर 45 रुपये की छूट मिलेगी। वहीं, जीवन बीमा के पॉलिसी होल्डर्स को प्रति शेयर 60 रुपये की छूट मिलेगी।
पीबी फिनटेक इंश्योरेंस और लेंडिंग प्रोडक्ट्स के लिए एक प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो टेक्नोलॉजी, डाटा और इन्नोवेशन पर आधारित प्लेटफॉर्म का संचालन करती है।
द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक इसी सप्ताह होनी है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार मई, 2020 में रेपो दर को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत किया था।
केंद्र ने यूएएस नियमों को उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 से बदल दिया है, जिसमें नियमों को पहले के मुकाबले काफी सरल बना दिया गया है।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कंपनी के प्रतिभागी पॉलिसीहोल्डर्स द्वारा अर्जित लाभ में से इस बोनस का भुगतान किया जाएगा।
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम ने एक बयान में कहा कि कंपनी तेजी से बढ़ते एसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यापक योजनाएं शुरू कर रही है ताकि ग्राहकों को ऑफलाइन उपस्थिति से बेहतर सेवा मिल सके।
पात्र भागीदार पॉलिसीधारकों को उनके ‘पार्टिसिपेटिंग फंड’ में सृजित होने वाले अधिशेष में हिस्सा मिलेगा इसके साथ ही हर साल बोनस की घोषणा से उनकी लाभ राशि में वृद्धि होगी।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इस समय रेपो दर चार प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर है।
आय बढ़ाने और शराब माफिया पर लगाम लगाने के लिये इन नीति का ऐलान किया है। दिल्ली सरकार का अनुमान है कि इससे 1500 से 2000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।
योजना में आपको अपने निवेश पर गारंटीड रिटर्न मिलेगा। इससे ग्राहकों को बढ़ती हुई नियमित आय मिलती है, जो पांच साल के बाद दोगुनी और 11वें वर्ष के बाद तीन गुना हो जाती है
रिजर्व बैंक ने आज लॉकडाउन के कारण विदेशी बाजारों से लिये गये वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) का उपयोग नहीं करने वाली कंपनियों को राहत दी है। केंद्रीय बैंक ने बुधवार को कहा कि बिना उपयोग वाली एक मार्च, 2020 से पहले ईसीबी के जरिये जुटायी गयी राशि देश के बैंकों में मियादी जमा के रूप में एक मार्च, 2022 तक रखी जा सकती है।
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