इस प्रोग्राम के तहत एक मोबाइल एप्लीकेशन को पेश किया जाएगा और वित्तीय प्रोत्साहन के अलावा विदेशी पाकिस्तानियों को और अधिक रेमीटैंस सुविधा दी जाएगी।
आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जून में घटकर 48.1 रह गया, जो मई में 50.8 था। यह सूचकांक जुलाई 2020 के बाद पहली बार 50 अंक से नीचे गिरा है।
मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई मार्च में घटकर सात माह के निचले स्तर 55.4 पर आ गया। फरवरी में यह सूचकांक 57.5 पर था। पीएमआई का 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि, जबकि इससे नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है।
यदि पीएमआई 50 से अधिक हो तो इससे गतिविधियों में तेजी का पता चलता है। पीएमआई के 50 से कम रहने का अर्थ संकुचन का संकेत देता है।
आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पॉलीन्ना डी लीमा ने कहा कि भारतीय सेवा क्षेत्र में मार्च से सितंबर तक कोरोना वायरस के चलते गिरावट के बाद सुधार का सिलसिला जारी है।
manufacturing PMI का 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि, जबकि इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है।
आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विस पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) फरवरी के बाद पहली बार 50 अंक से अधिक है।
एसोचैम ने अपनी अर्थव्यवस्था की स्थिति पर आकलन रिपोर्ट में आने वाले महीनों में इसमें और सुधार की बात कही है।
भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त के दौरान लगातार छठे महीने संकुचन देखने को मिला।
पीएमआई के 50 से ऊपर होने का मतलब गतिविधियों में सुधार से है। यदि यह 50 से नीचे रहता है, तो इसका आशय है कि गतिविधियां घटी हैं।
सर्वेक्षण के परिणाम दिखाते हैं कि कारखानों में उत्पादन और नए ऑर्डर मिलने के महत्वपूर्ण सूचकांक में गिरावट फिर से बढ़ी है।
पीएमआई के अनुसार 50 से अधिक अंक का अर्थ है गतिविधियों में विस्तार, जबकि इससे कम अंक कमी को दर्शाता है।
अप्रैल मे लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिवधियों में रिकार्ड गिरावट दर्ज की गयी थी
एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) के दौरान नागरिकों की आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध और कारोबारों के बंद रहने का असर सेवा क्षेत्र पर भी पड़ा और क्षेत्र की गतिविधियां लगभग रुकी रहीं।
कारखाने बंद रहने के चलते कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती की, जो सर्वेक्षण के इतिहास में रोजगार में आई सबसे तेज गिरावट है।
कोरोना संकट से आगे भी मांग पर असर बने रहने की आशंका
सर्विस सेक्टर में जनवरी 2013 के बाद की सबसे तेज बढ़त
जनवरी के महीने में देश में सर्विस सेक्टर एक्टिविटी 7 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई हैं
बाजार मांग में सुधार का असर दिखना शुरू हो गया है। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार जनवरी में देश की विनिर्माण गतिविधियां आठ साल में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गयी हैं।
कंपनियों के अनुसार भारत के सेवा क्षेत्र की कंपनियां विपणन के प्रयासों तथा अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों से 2020 में भी कारोबार तेज रहेगा।
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