यह राष्ट्रीय मिशन यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था कि लोगों के पास बैंक, पैसा भेजने की सुविधा, ऋण, बीमा, पेंशन जैसी वित्तीय सेवाओं तक आसानी से पहुंच हो।
जेएएम जो बैंक खातों को आधार और मोबाइल नंबर के साथ जोड़ती है, ने भी सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों को लक्षित बनाने और लोगों के सही वर्ग तक मदद पहुंचाने में मदद की है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना खाते उस समय भी चर्चा में आए जब नोटबंदी के दौरान इसमें से बहुत से खातों मोटी रकम जमा कराई गयी। नवंबर 2016 के अंत में जनधन खातों में जमा रकम बढ़कर 74,000 करोड़ से अधिक हो गयी थी, जो कि उस महीने के शुरू में करीब 45,000 करोड़ रुपये थी।
प्रधानमंत्री जनधन खातों की संख्या जहां सबसे ज्यादा है, उन राज्यों में ग्रामीण महंगाई घटी है। नोटबंदी के बाद से जनधन खातों में तेजी से इजाफा हुआ है।
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