संथानम सुब्रमण्यन ने एक्सपर्ट्स के साथ बातचीत में कहा, ''चीन प्लांट के वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही से शुरू होने और चौथी तिमाही से उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा कि इस प्लांट में वित्त वर्ष 2025-26 में पूरी तरह से प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि, नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करना है।
भारतीय युवाओं की विदेशों में जबरदस्त डिमांड है। अप्रैल से अक्टूबर महीने में काफी उछाल देखने को मिला है। 4 फीसदी से अधिक की वृद्धि आई है। यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
इंडियन फार्मास्युटिकल एलायंस (IPA) के महासचिव सुदर्शन जैन ने गुरुवार को कहा कि भारतीय फार्मा उद्योग (Indian Pharma Industry) के 2030 तक 130 अरब डॉलर तक बढ़ने की संभावना है।
भारत दुनिया भर में सप्लाई होने वाली हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन के 70% का उत्पादन करता है।
भारतीय दवा कंपनियों की निगाह चीन में कोरोना वायरस की वजह से सक्रिय औषधि अवयवों की आपूर्ति पर पड़ने वाले असर पर है।
चीन से होने वाले एक विशेष रसायन ओ-एसिड के आयात पर 8.79 डॉलर प्रति किलोग्राम की दर से डंपिंग रोधी शुल्क लग सकता है।
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