सरकार ने महामारी की वजह से आई आर्थिक मुश्किलों से निपटने के लिए पीएफ से फंड निकालने को मंजूरी दी है जिससे नौकरी छूटने की स्थिति में लोग अपने खर्चें उठा सकें
यूएएन एक्टिव होने और केवाईसी प्रक्रिया पूरी होने पर आप घर बैठे ऑनलाइन ही अपने पीएफ एकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं।
8 हजार करोड़ रुपये कोरोना संकट से निपटने के लिए विशेष छूट के तहत निकाले गए
ईपीएफओ ने कुल 18 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें से 85 प्रतिशत डेट मार्केट में और 15 प्रतिशत एक्चेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के जरिये इक्विटीज में लगा है।
गुरुवार को ईपीएफओ के न्यासियों की बैठक में ब्याज दर बढ़ाने का फैसला लिया गया। वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफओ ने 8.55 प्रतिशत ब्याज का भुगतान किया था।
रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने आज अपने सदस्यों को पीएफ खाते से 75 प्रतिशत राशि निकालने का विकल्प उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पांच करोड़ अंशधारकों के खातों में 8.55 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि जमा कराने को कहा है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सब्सक्राइबर्स के लिए एक नई सुविधा शुरू की है। जिस कंपनी में आप काम करते हैं अगर वह आपके भविष्य निधि (PF) खाते में समय पर पैसे जमा नहीं करवाती है तो EPFO आपको SMS और ईमेल के जरिए एलर्ट भेजेगा।
यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) पोर्टल पर पंजीकृत सदस्य अपने ईपीएफओ खाते में उपलब्ध विवरण की जानकारी अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर से 011-22901406 पर मिस्ड कॉल देकर प्राप्त कर सकते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने करीब 5 करोड़ अंशधारकों को बड़ा झटका दिया है। मंगलवार को हुई ईपीएफओ न्यासी बोर्ड की बैठक में 2017-18 के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत तय की गई है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने आज कहा कि आधार जोड़ने की प्रक्रिया पूरी होते ही वह एक ही व्यक्ति के एक से अधिक खाता संख्या को अपने डाटा में से बाहर करने के लिए सक्षम हो जाएगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने भविष्य निधि (पीएफ) योजना के अंशधारकों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक कारणों से अपनी भविष्य निधि का सारा पैसा न निकालें।
EPFO अपने सब्सक्राइबर्स के एक्सचेंज ट्रेडेड कोष (ETF) में निवेश के हिस्से को उनके भविष्य निधि (PF) खातों में डालने पर विचार कर रहा है।
1 जुलाई से नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) ही लागू होने नहीं जा रहा है, बल्कि इस तारीख से कई और भी बड़े बदलाव होने जा रहे हैं।
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