एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने की चर्चा शुरू हो गई है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए तैयार नहीं हैं, रविवार को GST को 1 साल पूरा होने के मौके पर अरुण जेटली ने अपनी फेसबुक पोस्ट में यह बात कही है। वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए बार-बार मांग करते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर जब कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों से बात की गई है तो वह इसके लिए तैयार नहीं थे
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इसपर सभी राज्यों की सर्वसम्मति का इंतजार कर रही है और उम्मीद है कि राज्य इसपर जल्द सहमत हो जाएंगे
पेट्रोल-डीजल की खपत बढ़ने के साथ ही ईंधन की मांग में सितंबर महीने के दौरान 9.9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। किसी एक महीने में यह सर्वाधिक वृद्धि है।
पेट्रोल और डीजल पर टैक्स का जो बोझ बड़ा है उसे कम करने के लिए पिछले हफ्ते GST काउंसिल ने इनसे जुड़ी कुछ सेवाओं पर फैसला किया है
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पाद जल्द ही GST के दायरे में आएंगे। उन्होंने कहा कि हमने GST को लेकर राज्यों के बीच सहमति बनाई।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने पर विचार कर रही है।
दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों की समीक्षा को सही ठहराते हुए प्रधान ने कहा, केंद्र द्वारा जो भी शुल्क लिया जाता है उसमें से राज्यों का हिस्सा 42% है
पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। जम्मू और कश्मीर ने इस दिशा में पहला कदम उठाया है।
तमिलनाडु सरकार ने वैट में बड़े बदलाव के किए है। राज्य में पेट्रोल 3.78 रुपए महंगा हो गया है। वहीं, डीजल में 1.70 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
पेट्रोल के दाम 0.89 रुपए प्रति लीटर बढ़ गए है। जबकि, डीजल प्रति लीटर 0.86 रुपए महंगा हो गया है। नई कीमतें शनिवार आधी रात से लागू हो गई।
निर्यात में लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहा। नवंबर में निर्यात पिछले साल के समान महीने से 2.29 प्रतिशत बढ़कर 20 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
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